तीन साल में एक बार होती है निजी बस चालकों की स्वास्थ्य जांच
निजी बस चालकों के स्वास्थ्य की जांच हर वर्ष न होकर तीन साल में एक ही बार होती है।
सुरेश बसन, ऊना
निजी बस चालकों के स्वास्थ्य की जांच हर वर्ष न होकर तीन साल में एक ही बार होती है। विडंबना यह है कि यह प्रक्रिया केवल लाइसेंस बनाने के दौरान ही जरूरी होती है। इसके अलावा किस चालक को स्वास्थ्य से संबंधित क्या दिक्कत है, उसकी जांच नहीं होती है।
बस चालकों पर यात्रियों के सुरक्षित सफर की जिम्मेदारी होती है लेकिन उनकी स्वास्थ्य जांच का पैमाना समय के लंबे अंतराल से बंधा हुआ है। ऊना जिला में करीब 325 निजी बसें हैं। कोरोना के कारण कम यात्रियों की वजह से 85 निजी बसें ही चल रही हैं। बस चालकों का स्वास्थ्य सही न होना यात्रियों के लिए सुरक्षित सफर नहीं हो सकता है। कोई चालक अपने स्तर पर स्वास्थ्य जांच समय पर करवा ले तो यह अलग बात है।
--- ऊना जिला में निजी बस ऑपरेटर बस चालकों को दुर्घटना बीमा देते हैं। कुछ ऑपरेटर उनके स्वास्थ्य की समय-समय पर जांच करवाते हैं। अधिकांश चालक अपने स्तर पर भी स्वास्थ्य की जांच करवाते हैं। सभी चालकों की स्वास्थ्य जांच के लिए स्थायी प्रावधान फिलहाल नहीं है।
-राजेश पराशर, प्रदेशाध्यक्ष निजी बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन।
--- निजी बसों की फिटनेस के लिए साल दर साल जांच की जाती है। बस चालकों की सेहत से संबंधित प्रति वर्ष जांच का पैमाना अभी तक नहीं है। चालक जब तीन वर्ष में एक बार लाइसेंस रिन्यु करवाने आते हैं तो उनसे स्वास्थ्य जांच से संबंधित मेडिकल प्रमाणपत्र मांगा जाता है। उसके बाद ही उन्हें लाइसेंस जारी किया जाता है।
-आरसी कटोच, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, ऊना।