जरूरत पड़ी तो आउटसोर्स पर होगी स्टाफ की भर्ती

कोरोना काल में की तीसरी लहर से जिलावासियों के लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर व्यवस्थाओं में जु

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 10:24 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 10:24 PM (IST)
जरूरत पड़ी तो आउटसोर्स पर होगी स्टाफ की भर्ती
जरूरत पड़ी तो आउटसोर्स पर होगी स्टाफ की भर्ती

कोरोना काल में की तीसरी लहर से जिलावासियों के लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर व्यवस्थाओं में जुट गया है। अब जरूरत पड़ी तो आउटसोर्स पर चिकित्सकों सहित पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती कर कोविड-19 को हराने की योजना है। इसके लिए उच्चाधिकरियों की अनुमति जिला स्वास्थ्य विभाग को मिल चुकी है। हालांकि अभी ज्यादा समय नहीं बीता है जब कोविड की पहली और दूसरी लहर में ओपीडी सेवाओं को बंद कर चिकित्सकों सहित नर्सिंग स्टाफ को रोटेशन के आधार पर कोविड अस्पतालों में जैसे-तैसे ड्यूटी के लिए लगाना पड़ा। विडंबना थी कि कोविड संकट में हम वहां खड़े थे जब जिला में की साढे़ पांच लाख आबादी की सेहत का जिम्मा 118 डाक्टरों पर है। यानी एक डाक्टर के सहारे साढ़े पांच हजार लोग हैं। वहीं एक नर्स पर छह हजार से ज्यादा लोगों की सेवा का भार है। इसकी वजह यह है कि स्वीकृति पदों पर भी स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो पाई है। चतुर्थ श्रेणी से लेकर अधिकारी और चिकित्सक व पैरा मेडिकल स्टाफ की कम नियुक्तियों से यह मर्ज बढ़ता जा रहा है। चिकित्सक और स्टाफ नर्स की संख्या

जिला के क्षेत्रीय अस्पताल ऊना से लेकर सिविल अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी स्तर तक डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी चल रही है। वर्तमान में जिला के मुख्य क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में ही डाक्टरों के 15 पद रिक्त हैं। इसके अलावा सिविल अस्पताल हरोली, गगरेट, पीएचसी चमिडयाडी़, सीएचसी धुसाड़ा आदि में भी एक-एक चिकित्सक की जरूरत है। जिला में कुल 108 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। वहीं स्टाफ नर्स के कुल 102 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 12 रिक्त हैं। जबकि वर्तमान दौर एवं जनसंख्या के लिहाज से यह स्वीकृति अपडेट भी नहीं की गई है।

इधर से उधर होता रहा है स्टाफ

कोरोना संकट के दौर में परिस्थितियों को काबू में लाने के लिए ज्यादा स्टाफ की जरूरत पड़ी तो स्वास्थ्य विभाग ने कई संस्थानों से चिकित्सकों को इधर से उधर किया। जिले की पीएचसी एवं सीएचसी में ओपीडी एवं रात्रि ड्यूटी बंद कर चिकित्सक और स्टाफ नर्स को कोविड केयर सेंटर और डीसीएचसी में लगाया गया। रोटेशन में हर चिकित्सक को इन अस्पतालों में सेवाएं प्रदान करनी पड़ी। ---------

जिला में स्टाफ की कमी के लिए उच्च अधिकारियों के माध्यम से सरकार को अवगत करवाया गया है। अगर कोविड की तीसरी लहर में स्टाफ की जरूरत पड़ती है तो आउटसोर्स एजेंसी से हायर किया जाएगा। फिलहाल रोटेशन से ड्यूटी का प्रावधान किया जा रहा है। बकायदा रोस्टर भी बनाया जाता रहा है।

-डा. रमन कुमार शर्मा, सीएमओ ऊना

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