वन विभाग ने कब्जे में लिए आम के मोच्छे
उपमंडल बंगाणा में आम के पेड़ का कटान होने के बाद वन विभाग हरकत में आ गया है।
संवाद सहयोगी, बंगाणा : उपमंडल बंगाणा में आम के पेड़ का कटान होने के बाद वन विभाग हरकत में आ गया है। विभाग ने कुछ जगहों पर पड़े आम के मोच्छे कब्जे में लिए हैं।
दैनिक जागरण में उपमंडल बंगाणा में प्रतिबंध के बावजूद कट रहे आम के पेड़ शीर्षक के तहत प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इसका संज्ञान लेकर वन विभाग ने अवैध कटान करने वालों की तलाश शुरू कर दी है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार की अधिसूचना के अनुसार मकान व दुकान को खतरा बने आम के पेड़ को काटने की अनुमति दी जा सकती है। बुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि जिस तरह मलकीयत भूमि से 10 वर्ष के खैर का कटान होता है, उसी तरह बालन के लिए हो। खैर कटान से पहले मार्किंग होती है और फिर विभाग की निगरानी में इनका कटान होता है। इसी तरह मलकीयत भूमि से बालन का कटान हो, ताकि किसानों को भी लाभ मिले और प्रतिबंधित पेड़ों की प्रजाति भी नष्ट न हो।
उपमंडल बंगाणा में सोलहसिगी धार व रामगढ़ धार में सरकारी जंगल है। इनमें खैर, सफेदा, शीशम व आम के पेड़ हैं। कुछ ठेकेदार रात के अंधेरे का फायदा उठाकर अवैध कटान करते हैं। दोनो धारों के निकटवर्ती गांवों में किसानों की मलकीयत भूमि से खैर कटान की अनुमति 10 वर्ष मिलती है। दोनो सरकारी जंगल में पेड़ों पर कुल्हाड़ी चली है। जंगल मे अवैध कटान के बाद सुबूत मिटाने के लिए आग लगा दी जाती है। कुछ वर्षो में वन विभाग बंगाणा की ओर से अवैध कटान करने वालों को रंगे हाथ भी पकड़ा है, लेकिन आगे की कार्रवाई न के बराबर हुई है। इस कारण वन काटुओं के हौसले बुलंद होते हैं और वे अवैध कटान को अंजाम देते है। कोरोना काल में भी अवैध कटान करने वाले सक्रिय दिखे थे और लोगों के घरों में भी खैर के मोच्छे बरामद हुए थे।
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विभाग ने मकान, मंदिर व दुकान को खतरा बने देसी आम के पेड़ों को काटने अनुमति देता है। विभाग ने आम के मोच्छे कब्जे में लेकर अवैध कटान करने वालों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।
-बालकिशन शर्मा, डिप्टी रेंज आफिसर बंगाणा