दियोली सहकारी सभा के मौजूदा प्रधान पर भी गिरेगी गाज

दियोली सहकारी सभा का मामला पेचीदा होता जा रहा है। सहकारिता विभाग ने वर्ष 2013 से 2018 की कमेटी को 13.20 करोड़ रुपये के गबन का दोषी पाया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 05:13 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 05:13 PM (IST)
दियोली सहकारी सभा के मौजूदा प्रधान पर भी गिरेगी गाज
दियोली सहकारी सभा के मौजूदा प्रधान पर भी गिरेगी गाज

अविनाश विद्रोही, गगरेट

दियोली सहकारी सभा का मामला पेचीदा होता जा रहा है। सहकारिता विभाग ने वर्ष 2013 से 2018 की कमेटी को 13.20 करोड़ रुपये के गबन का दोषी पाया है। इस हिसाब से 2013 से 2018 तक की कमेटी के सभी सदस्य डिफाल्टर करार कर दिए गए हैं। ऐसे में उसी कमेटी के दो सदस्य वर्तमान कमेटी में भी हैं जिनमें एक प्रधान है तो दूसरा सदस्य।

अब जब सहकारिता विभाग के अनुसार ये दोनों सभा के डिफाल्टर हैं तो ऐसे में ये मौजूदा कमेटी में नहीं रह सकते। इनकी सदस्यता भी रद हो जाएगी और इन्हें पद से हटना होगा। यदि ये अपने पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो सहकारिता विभाग जबरन इन्हें हटा देगा। अब ऐसे में इन दो वार्ड से फिर से नए सदस्य चुनकर आएंगे और सभा का फिर से अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। सहकारिता विभाग ने औपचारिकता के लिए मौखिक रूप से प्रधान व सदस्य से इस्तीफा मांग लिया है। इस्तीफा नहीं देने की सूरत में सहकारिता विभाग इन्हें जबरन हटाने के आदेश जारी कर सकता है। दियोली सहकारी सभा में 13.20 करोड़ के गबन के मामले को लेकर सभा और विभागों में आरोप प्रत्यारोप जारी हैं लेकिन असल मामला यह है कि खाताधारक परेशान हैं क्योंकि उनकी अमानत मिलने का निकट भविष्य में कोई साधन बनता नजर नहीं आ रहा है। खाताधारक अपने मामलों को लेकर न्यायालय भी गए हैं लेकिन वहां से भी अभी खाताधरकों को ज्यादा राहत नहीं मिल पाई है। खाताधारकों को उनके पैसे कब तक मिलेंगे, इस पर अभी तक कोई पुख्ता जवाब देने को तैयार नहीं है। जांच पर जांच और आरोप-प्रत्यारोप की इस बहस में खाताधारक मायूस हैं।

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मौजूदा प्रधान भी उस कमेटी में शामिल था, इसलिए ये डिफाल्टर है। इसके साथ एक और सदस्य भी डिफाल्टर है । नियमानुसार ये कमेटी में नही रह सकते इसलिए या तो ये इस्तीफा दे या फिर विभाग इन्हें जबरन हटायेगा ।

-रत्न सिंह बेदी, सहायक पंजीयक सहकारी सभा ऊना।

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