सोशल मीडिया पर पुरानी यादों को ताजा कर रहे आशीष

कभी शौकिया तौर पर श्रीरामलीला के मंच पर उपस्थिति दर्ज करवाने वाले नारी गांव के आशीष डढवाल इन दिनों सोशल मीडिया पर ही रामायण से जुड़े प्रसंगों को साझा कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 06:36 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 06:36 PM (IST)
सोशल मीडिया पर पुरानी यादों को ताजा कर रहे आशीष
सोशल मीडिया पर पुरानी यादों को ताजा कर रहे आशीष

संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : कभी शौकिया तौर पर श्रीरामलीला के मंच पर उपस्थिति दर्ज करवाने वाले नारी गांव के आशीष डढवाल इन दिनों सोशल मीडिया पर ही रामायण से जुड़े प्रसंगों को साझा कर रहे हैं। मेघनाद से लेकर राम और सुबाहु से लेकर शत्रुघन तक की भूमिका निभाते रहे डढवाल दरअसल हर पात्र में सहज तरीके से घुल-मिल जाते हैं। यही कारण है कि जब वह स्टेज पर आते हैं तो दर्शक उनके किसी भी सीन को बीच में छोड़कर नहीं जाते। आशीष अब तक कुंडली हार, ज्वालामुखी, नकड़ोह, जल्लो दी बड़, गगरेट और दौलतपुर चौक के श्रीरामलीला मंचों पर शानदार अभिनय दिखा चुके हैं। इस बार बिल्लू दी तलाई की रामलीला में उन्होंने हिस्सा लेना था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते कार्यक्रम रद हो गया। इन दिनों नियमित रूप से पूजापाठ के अलावा वह पुराने वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं।

आशीष ने बताया कि बचपन में टीवी पर रामायण देखने के बाद उनकी इच्छा थी कि वह भी रामलीला में किसी पात्र की भूमिका निभाएं। पहली बार गुरु राजकुमार की बदौलत उन्हें जल्लो दी बड़ कमेटी ने काम करने का मौका दिया और पहले ही दिन वह कामदेव के पात्र में नजर आए। दर्शकों द्वारा अच्छा रिस्पांस मिलने के बाद इसी रामलीला के मंच पर लगातार उन्होंने छह वर्ष कार्य किया। बताया कि वह निजी नौकरी करते हैं, लेकिन रामलीला के लिए दस दिन कंपनी से अवकाश ले लेते हैं। जिन दिनों में रामलीला का आयोजन होता है, वह एक समय ही प्याज व लहुसन के बिना खाना खाते हैं। भविष्य में भी प्रभु श्री राम की कृपा से शारदीय नवरात्र के दस दिन वह वीर बजरंगी के मंच पर ही गुजारना चाहते हैं। बताया कि जब शाम का समय होता है तो रामलीला मंचन को सोचकर ही मन उदास हो जाता है, लेकिन प्रभु से प्रार्थना है कि अगले वर्ष तक सब कुछ ठीक-ठाक हो सके, ताकि सभी कलाकार भगवान राम की लीलाओं का वर्णन मंच के माध्यम से कर सकें।

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