स्टील उद्योगों ने प्रदेश सरकार से मांगी एजीटी में राहत

हिमाचल प्रदेश स्टील इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से बजट में राहत की

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 07:06 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 07:06 PM (IST)
स्टील उद्योगों ने प्रदेश सरकार से मांगी एजीटी में राहत
स्टील उद्योगों ने प्रदेश सरकार से मांगी एजीटी में राहत

संवाद सहयोगी, बद्दी : हिमाचल प्रदेश स्टील इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से बजट में राहत की मांग की है। एसोसिएशन ने एक पत्र भेजकर बजट के लिए कई सुझाव दिए हैं, वहीं करों से राहत व नियमों में सरलीकरण की मांग भी उठाई है। यहां जारी बयान में हिमाचल प्रदेश स्टील इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मेघराज गर्ग, महामंत्री राजीव सिंगला व सुरेंद्र जैन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्टील व लोहा उद्योगों पर सरकार ने अतिरिक्त गुड्स टैक्स लगा रखा है। यह टैक्स दोनों तरफ से लागू है, जिसमें चाहे कच्चे माल की खरीद फरोख्त हो या तैयार माल को बेचना हो।

उन्होंने कहा कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स 2017 के 122वें संशोधन में शराब, पेट्रोल व गैस को छोड़कर पूरे देश में सब टैक्स जीएसटी में समाहित हो गए थे। इसके बाद भी स्टील एवं लोहा उद्योग को 37 रुपये प्रति मीट्रिक टन पर कर देने पर विवश किया जाता रहा है, जबकि प्रधानमंत्री ने वन टैक्स वन नेशन का नारा दिया था। इसके कारण लोहा उद्योग को अलग से एजीटी (अतिरिक्त गुड्स टैक्स) की मासिक व सालाना रिटर्न भरनी पड़ रही है।

मेघराज गर्ग ने कहा कि अगर एजीटी को एक ट्रांसपोर्ट टैक्स के रूप में देखा जाना है तो यह तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि हम पहले ही हिमाचल व बीबीएन में ज्यादा मालभाड़े की मार झेल रहे हैं। इस कारण हमारा तैयार माल दूसरे राज्यों के मुकाबले महंगा तैयार होता है और हम प्रतियोगिता में पिछड़ जाते हैं। राजीव सिंगला ने कहा कि हमारे पड़ोसी राज्य उद्योगों के लिए कई तरह के प्रोत्साहन दे रहे हैं। प्रदेश सरकार ने 2017 के बजट अभिभाषण में स्टील एवं लोहा उद्योग को एजीटी से मुक्त करने का वादा किया था, लेकिन आज तक वो लागू नहीं हुआ। उन्होंने देश, प्रदेश व उद्योग हित में इस टैक्स को तुरंत प्रभाव से हटाने का आग्रह किया है।

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