बीबीएन में छठ पर्व को बाजारों में खरीददारी को उमड़ी भीड़, पुत्र प्राप्ति के बाद लिया जाता है यह कठोर व्रत

पूर्वांचल में मनाया जाने वाले छठ पर्व को लेकर औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के गुलजार हुए बाजारों से प्रवासियों ने जमकर खरीददारी की व व्रत से संबंधित सामान खरीदा। बुधवार सुबह से शुरू होने वाले कठोर व्रत के चलते मंगलवार को व्रतधारियों ने खरीददारी की।

By Richa RanaEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 04:00 PM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 04:21 PM (IST)
बीबीएन में छठ पर्व को बाजारों में खरीददारी को उमड़ी भीड़, पुत्र प्राप्ति के बाद लिया जाता है यह कठोर व्रत
छठ पूजा के पहले दिन महिलाएं अपने परिवार की सुख शांति के लिए पूजा अर्चना करती हैं।

नालागढ़, संतोष कुमार। पूर्वांचल में मनाया जाने वाले छठ पर्व को लेकर औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के गुलजार हुए बाजारों से प्रवासियों ने जमकर खरीददारी की व व्रत से संबंधित सामान खरीदा। बुधवार सुबह से शुरू होने वाले कठोर व्रत के चलते मंगलवार को व्रतधारियों ने खरीददारी की। भगवान सूर्य को वीरवार सांय पहला आर्घ्‍य दिया जाएगा, जबकि शुक्रवार सुबह सूरज निकलने के बाद दूसरा व अंतिम आर्घ्‍य के साथ व्रत संपन्न होगा।

हालांकि इस बार कोरोना काल में यह व्रत आया है और बड़े आयोजनों पर मनाही है, लेकिन बावजूद इसके व्रतधारियों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। हालांकि यह व्रत यूपी, बिहार व झारखंड के है, लेकिन औद्योगिकरण के बाद बीबीएन क्षेत्र में भारी संख्या में प्रवासियों ने यहां काम की तलाश में दस्तक दी है। यहां कार्यरत प्रवासियों ने छठ पर्व की तैयारियां कई दिनों पहले ही शुरू कर दी है और यही कारण है कि प्रवासियों के पर्वों का नजारा इस क्षेत्र में भी देखने को मिलता है। व्रतधारियों ने बाजारों में जाकर पूजा का सामान व फल आदि की खरीददारी की। छठ पूजा के पहले दिन महिलाएं अपने परिवार की सुख शांति के लिए पूजा अर्चना कर व्रत रखकर शाम को मीठा भोजन करती है।

पूर्वांचल में मनाए जाने वाले इस व्रत के पहले दिन महिलाएं अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए पूजा अर्चना करती है व व्रत रखकर शाम को मीठा भोज लेती है। दूसरे रोज पूरा दिन व्रत रखने वाली महिलाएं व पुरूष शाम को विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर नदी, तालाबों व अन्य जलाशयों में जाकर अस्ताचंल गायी सूर्य को अर्घ्‍य अर्पित करती है और अगले दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्‍य देकर अपना व्रत संपन्न करती है। अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अध्र्य चढ़ाते है और इस पूजा में खासतौर पर पवित्रता का ध्यान रखा जाता है। लहसून और प्याज वज्र्य है। जिन घरों में यह पूजा होती है, वहां भक्तिगीत गाए जाते है। फल विक्रेता पप्पू सिंह व महेंद्र सिंह ने कहा कि छठ पूजा के लिए प्रवासी जमकर खरीददारी करते है और व्रतधारियों के व्रत संबंधी सामान उन्हें उपलब्ध करवाया जाता है।

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