रिश्तेदार की कंपनी का उद्घाटन करने बरोटीवाला आए थे मसालों के शहंशाह महाशय धर्मपाल गुलाटी

एमडीएच मसालों के शहंशाह महाशय धर्मपाल गुलाटी का आज तड़के हार्ट अटैक से 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन पर देशभर के लोगों नेताओं व उद्योग जगत की हस्तियों ने शोक जताया। धर्मपाल ने देवभूमि हिमाचल व यहां के लोगों की काफी सराहना की थी।

By Richa RanaEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 05:17 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 05:17 PM (IST)
रिश्तेदार की कंपनी का उद्घाटन करने बरोटीवाला आए थे मसालों के शहंशाह महाशय धर्मपाल गुलाटी
एमडीएच मसालों के शहंशाह धर्मपाल गुलाटी का आज तड़के हार्ट अटैक से 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।

सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। एमडीएच मसालों के शहंशाह महाशय धर्मपाल गुलाटी का आज तड़के हार्ट अटैक से 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन पर देशभर के लोगों, नेताओं व उद्योग जगत की हस्तियों ने शोक जताया।

एक तांगे पर मसालों की पूड़ियां बनाकर बेचने वाले महाशय धर्मपाल ने मेहनत के साथ मसालों के कारोबार को इतना बढ़ाया कि वह मसालों के बादशाह बन गए। उनके निधन पर जहां देशभर में उनको याद किया जा रहा है, वहीं हिमाचल में भी महाशय धर्मपाल की यादों को ताजा किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार महाशय धर्मपाल वर्ष 2012 में बरोटीवाला के नजदीक झाड़माजरी में अपने दामाद की कंपनी का बतौर मुख्यातिथि शुभारंभ करने आए थे। हालांकि वह कंपनी मसालों की नही किसी अन्य उत्पाद की थी। उस दौरान महाशय धर्मपाल ने देवभूमि हिमाचल व यहां के लोगों की काफी सराहना की थी।

एमडीएच डिस्ट्रिब्यूटर की दुकान पर भी पहुंचे थे महाशय

कंपनी के उदघाटन के बाद महाशय धर्मपाल बद्दी के साईं रोड़ पर बसंती बाग स्थित एमडीएच मसालों के डिस्ट्रब्यूटर रामकृष्ण बृजलाल नाम से संचालित दुकान पर भी आए थे। दुकान संचालक राजेश मित्तल ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से एमडीएच के डिस्ट्रिब्यूटर का काम करते है। 2012 में झाड़माजरी में अपने रिश्तेदार की कंपनी का उदघाटन करने के लिए महाशय धर्मपाल आए थे।

उसके बाद वह हमारी दुकान पर भी आए थे। इस दौरान उनसे मिलने के लिए दुकान के बाहर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। उन्होंने भी लोगों को निराश नही किया था और उनके साथ फोटो खिंचवाए थे। वह बेहद मिलनसार व उच्च व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। आज उनके देहांत की खबर सुनकर उनके साथ बिताया गया समय फिर से ताजा हो गया। अपने व्यापार को किस तरह उन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया और उसका आज भी कोई सानी नहीं है। उनके मसालों का स्वाद भोजन को बेहद लजीज बना देता है।

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