पोस्टमार्टम में देरी पर परेशान हुए नरेश के स्वजन
औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में तीन दिन बाद बचाव दल ने नरेश को निकाल तो लिया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
मनमोहन संधू, परवाणू
औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में तीन दिन बाद बचाव दल ने नरेश को निकाल तो लिया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। हालांकि प्रशासन की ओर से बचाव कार्य में कोई ढील नहीं बरती गई, लेकिन नरेश की जान न बचा पाना परिवार के दिल में प्रशासन की लापरवाही के रूप में घर कर गया।
स्वजन ने इस बात पर रोष जताया कि नरेश के शव को वीरवार देर शाम को निकाल लिया गया था, लेकिन पोस्टमार्टम में देरी की गई। उन्होंने कहा कि प्रशासन को ज्ञात था की हम दूर से आए हैं व वापसी का सफर लंबा है। बावजूद इसके शव निकालने के बाद दूसरे दिन दोपहर तक भी शव नहीं सौंपा गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से हमें सांत्वना तो दूर किसी ने चाय तक के लिए नहीं पूछा।
ईएसआइ अस्पताल परवाणू के एमएस डा. कपिल ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से देरी नहीं की गई, लेकिन पोस्टमार्टम के लिए तैनात सफाई कर्मचारी को अधरंग होने के कारण विलंब हुआ है। इस कारण कालका से सफाई कर्मचारी को बुलाना पड़ा, जिसमें समय लग गया। निश्चित समय व न्यूनतम कार्रवाई करते हुए हमने स्वजन को शव सौंप दिया था। पोस्टमार्टम में दो से ढाई घंटे का समय लगता है। समाजसेवी संस्थाएं नहीं आई सामने
परवाणू में समय समय पर समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सुर्खियां बटोरने के लिए शहर में कई सामाजिक कार्य किए जाते हैं, लेकिन आपदा के समय कोई भी समाजसेवी संस्था आगे नहीं आई। हालांकि सरकार की ओर से परिवार को फौरी राहत के तौर पर 20 हजार रुपये एसडीएम कसौली द्वारा दिए गए। वहीं भवन मालिक की ओर से 50 हजार, माइक्रोटेक के मालिक सुबोध गुप्ता की ओर से 50 हजार व शिरड़ी साई भक्त संगठन के प्रदेशाध्यक्ष सतीश बेरी की ओर से 10 हजार रुपये परिवार को दिए गए। पोस्टमार्टम में विलंब के चलते परेशान परिवार की हालत को देखते हुए एसडीएम कसौली संजीव धीमान ने उद्योग संघ की मदद से मुफ्त एंबुलेंस की व्यवस्था की, ताकि वह समय से घर पहुंचकर अंतिम संस्कार कर सके। लोगों ने की पुलिस व एसडीएम की सराहना
परवाणू में चार मंजिला भवन में दबे नरेश को निकालने में तीन दिन का सयम लगा, लेकिन एनडीआरएफ की टीम के साथ पुलिस विभाग की ओर से थाना प्रभारी दयाराम ठाकुर व एसडीएम कसौली संजीव धीमान की ओर से घटनास्थल पर पूरी जिम्मेदारी से अपना फर्ज निभाने के लिए लोगों ने सराहना की। लोगों ने कहा कि एसडीएम व थाना प्रभारी स्वयं एनडीआरएफ की टीम के साथ देर रात तक जुटे रहे व अगली सुबह भी वे सबसे पहले घटना स्थल पर नजर आते रहे।