स्टाफ की कमी से जूझ रहा परिवहन विभाग

जिला सिरमौर में स्थापित एकमात्र क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय कुछ महीनों से स्टाफ की कमी से जूझ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Nov 2021 09:13 PM (IST) Updated:Tue, 09 Nov 2021 09:13 PM (IST)
स्टाफ की कमी से जूझ रहा परिवहन विभाग
स्टाफ की कमी से जूझ रहा परिवहन विभाग

जागरण संवाददाता, नाहन : जिला सिरमौर में स्थापित एकमात्र क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय कुछ महीनों से स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। यहां पर आरटीओ सहित कई पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं। दो माह पूर्व एआरटीओ की पदोन्नति से आरटीओ का पदभार देख रही एआरटीओ सोना चौहान पदोन्नत होकर यहां से टिपरा बैरियर परवाणू चली गई हैं। इसके बाद से यहां के आरटीओ का चार्ज सोलन के आरटीओ को दिया गया था। इसके अतिरिक्त सुपरिटेंडेंट का पद भी लंबे समय से रिक्त चल रहा है। इसके साथ ही दो सीनियर असिस्टेंट तथा एक क्लर्क का पद भी रिक्त है। जिसके चलते जिला सिरमौर के वाहन मालिकों को अपने कार्य करवाने के लिए कई-कई दिन तक इंतजार करना पड़ता है।

जिला सिरमौर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का टैक्स एकत्रित कर प्रदेश सरकार को दिया जाता है। उसके बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा लंबे समय से यहां पर कर्मचारियों की नियुक्ति न किए जाने से जिले के ट्रांसपोर्टरों में रोष हैं। क्योंकि ट्रकों व बसों के परमिट तथा परिवहन संबंधित कार्य तथा उनके दस्तावेज उन्हें कई सप्ताह के बाद मिल रहे हैं। क्योंकि सोलन के आरटीओ के पास एसी टू डीसी सोलन तथा सिरमौर के आरटीओ का चार्ज भी है, जिसके चलते कार्यो में देरी हो रही है।

जिला सिरमौर का आरटीओ आफिस प्रदेश सरकार को निजी बसों से परमिट फीस, स्पेशल रोड टैक्स, रजिस्ट्रेशन फीस, लाइसेंस फीस, लाइसेंस रिन्यू फीस तथा अधूरे वाहनों के दस्तावेज की जांच-पड़ताल करने के बाद चालान से भारी राशि वसूल कर प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व देता है। फिर भी पिछले कई महीनों से कर्मचारियों के अभाव में आफिस के कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्य का बोझ पड़ गया है। वहीं ट्रांसपोर्टरों के कार्य भी लंबित होने से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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