सिरमौर जिला से पहली बार बना भाजपा सांसद

वीरवार को शिमला (आरक्षित) संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप चुनाव जीतने के बाद जिला सिरमौर से भाजपा के पहले सांसद बन गये है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 05:12 PM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 06:47 AM (IST)
सिरमौर जिला से पहली बार बना भाजपा सांसद
सिरमौर जिला से पहली बार बना भाजपा सांसद

राजन पुंडीर, नाहन

वीरवार को शिमला (आरक्षित) संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप चुनाव जीतने के बाद जिला सिरमौर से भाजपा के पहले सांसद व सिरमौर से लोकसभा पहुंचने वाले पांचवें सांसद बन गए हैं। 1952 के लोकसभा चुनाव में चंबा-सिरमौर लोकसभा क्षेत्र से पच्छाद विस क्षेत्र के बडी-भू-पडाहां के आनंद राम सेवल पहले सांसद चुने गए थे। 1957 में शिमला व सिरमौर जिला का एक महासु संसदीय क्षेत्र बनाया गया। इसके बाद सांसद पच्छाद के चनालग (बागथन) डॉ. वाईएस परमार बने। उसके बाद 1959 में डॉ. परमार ने त्यागपत्र दे दिया। 1959 में हुए उपचुनाव में नाहन निवासी शिवानंद रमौल सांसद बने, जो कि 1962 तक सांसद रहे। 1962 से 1977 तक नाहन विस की बनकला पंचायत के मालोवाला के प्रताप सिंह सांसद रहे। लोकसभा चुनाव में 1952 से लेकर 1977 तक शिमला संसदीय क्षेत्र पर जिला सिरमौर का कब्जा रहा व कांग्रेस पार्टी के ही सांसदों ने प्रतिनिधित्व किया। 1977 में शिमला संसदीय क्षेत्र से सिरमौर जिला के शिलाई विस क्षेत्र निवासी जालम सिंह कांग्रेस प्रत्याशी को जनता पार्टी के बालक राम कश्यप से 85 हजार वोटों से हार झेलनी पड़ी। 1977 में पहली बार गैर कांग्रेसी सांसद बना। उसके बाद जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक गंगूराम मुसाफिर को 1999 में कांग्रेस पार्टी ने फिर लोकसभा का टिकट दिया। इस चुनाव में जीआर मुसाफिर को हिमाचल विकास कांग्रेस के डॉ. धनीराम शांडिल ने 46 हजार मतों से हराया था। भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार जिला सिरमौर के सुरेश कश्यप को लोकसभा की शिमला संसदीय आरक्षित सीट के लिए प्रत्याशी बनाया था, जो कि भारी मतों से विजयी हुए।

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