सीएम की घोषणा के तीन वर्ष बाद भी शुरू नहीं हुआ कार्डिंग विग व कैथ लैब
राजन पुंडीर नाहन जिला सिरमौर में 2016 में शुरू हुआ नाहन मेडिकल कालेज अब मरीजों के ि
राजन पुंडीर, नाहन
जिला सिरमौर में 2016 में शुरू हुआ नाहन मेडिकल कालेज अब मरीजों के लिए सुविधाओं के स्थान पर परेशानी का सबब बनने लग पड़ा है। डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज जब तक क्षेत्रीय अस्पताल था, तो यहां पर प्रतिदिन रोगियों की संख्या 400 से 500 के बीच होती थी। मगर चार वर्ष पूर्व मेडिकल कालेज बनते ही यहां पर मरीजों की संख्या 1200 से 1500 तक प्रतिदिन पहुंच रही है। जिलेभर के ग्रामीण क्षेत्रों से लोग मेडिकल कालेज में इस उम्मीद से आते हैं कि उन्हें यहां पर बेहतर चिकित्सा मिलेगी, मगर ओपीडी में विशेषज्ञ चिकित्सक, तो दूर सामान्य चिकित्सक भी नहीं मिलते हैं।
सबसे ज्यादा दिक्कत गायनी ओपीडी वार्ड में महिलाओं को आती है। जहां पर केवल दो ही चिकित्सक उपलब्ध होते हैं तथा यहां पर प्रतिदिन 300 से 400 महिलाएं चेकअप के लिए आती हैं। कई बार तो टोकन लेने के बावजूद भी दो-दो दिन तक महिलाओं का नंबर नहीं आता है।
तीन वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नाहन मेडिकल कालेज में कार्डिंग विग खोलने तथा हृदय रोगियों के लिए कैथ लैब स्थापित करने की घोषणा की थी, जोकि तीन वर्ष बीतने जाने के बाद भी केवल कोरी घोषणा ही साबित हुई है। न तो प्रदेश सरकार मेडिकल कालेज में कार्डिंग विग शुरू करवा पाई, न ही हृदय रोगियों के लिए कैथ लैब स्थापित हो पाए। पिछले कुछ वर्षों से जिला सिरमौर में शुगर के रोगियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। जिसके चलते सैकड़ों शुगर के रोगियों को हार्ट की प्राब्लम हुई। इसके चलते उन्हें इलाज के लिए देहरादून व पीजीआइ चंडीगढ़ के चक्कर काटने पड़ते हैं। यदि नाहन मेडिकल कालेज में कैथ लैब स्थापित होती है, तो हार्ट के रोगियों को मेडिकल कालेज में यह सुविधा उपलब्ध होगी।
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मेडिकल कालेज के के पास अभी कैथ लैब स्थापित करने के लिए बजट व भवन की कमी है। इस कारण कैथ लैब व कार्डिक विग स्थापित नहीं हो पाया है। मेडिकल कालेज की जो नई बिल्डिग बन रही है, उसके बनने के बाद कैथ लैब शुरू हो सकती हैं। तब तक सरकार बजट उपलब्ध करवा देगी।
-डा. श्याम कोशिश, प्रधानाचार्य, नाहन मेडिकल कालेज।