ऊना से धर्मशाला जाएंगे 2000 कर्मचारी

11 दिसंबर को तपोवन (धर्मशाला) में एनपीएस राज्य कार्यकारिणी के प्रधान प्रदीप ठाकुर के आह्वान पर संयुक्त वादा निभाओ रैली में ऊना जिला से 2000 कर्मचारी शामिल होंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 07:36 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 07:36 PM (IST)
ऊना से धर्मशाला जाएंगे 2000 कर्मचारी
ऊना से धर्मशाला जाएंगे 2000 कर्मचारी

संवाद सहयोगी, ऊना : 11 दिसंबर को तपोवन (धर्मशाला) में एनपीएस राज्य कार्यकारिणी के प्रधान प्रदीप ठाकुर के आह्वान पर संयुक्त वादा निभाओ रैली में ऊना जिला से 2000 कर्मचारी शामिल होंगे। यह बात न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के जिला प्रधान विजय इंदौरिया व महासचिव नीरज सैनी ने वीरवार को लोक निर्माण विभाग के विश्रामगृह ऊना में सभी संगठनों की संयुक्त बैठक के दौरान कही। बैठक में रैली के बारे में विशेष चर्चा हुई।

सभी ने इस रैली में भाग लेने तथा सहयोग करने की अपील की। जिला ऊना से इस रैली में की दो हजार कर्मचारी भाग लेंगे। प्रदेश के एनपीएस कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति होने के पश्चात नाममात्र 500 से 2000 पेंशन लग रही है, वह भी अपने ही जमा पैसे की लग रही है। इससे ज्यादा तो प्रदेश सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन ही दे रही है। प्रदेश का जो कर्मचारी सरकार को अपनी जिदगी के 30 से 35 वर्ष सेवा देता है, उसके साथ यह छलावा क्यों किया जा रहा है। इसके प्रति कर्मचारियों में रोष है। आखिर क्यों कर्मचारी की इच्छा के विरुद्ध उसका पैसा शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

जिलाध्यक्ष ने कहा कि सेवा के दौरान अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है तो एक कंपनी कर्मचारियों के पैसे का मात्र 20 प्रतिशत पैसा ही परिवार को देती है, शेष 80 प्रतिशत पैसा कंपनी अपने पास रखती है। जबकि ठीक उसी समय दिवंगत कर्मचारी के परिवार को पैसे की बहुत जरूरत होती है और नाममात्र की पेंशन उस कर्मचारी के शेष बचे पैसे से दे रही है जिससे कर्मचारी अपने पैसे को सुरक्षित नहीं मान रहे हैं। बैठक में फैसला लिया गया कि ऊना जिला की सभी एसोसिएशन पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हमेशा खड़ी रहेंगी। अगर केंद्र सरकार की 2009 अधिसूचना जिसके अंतर्गत सेवा के दौरान मृत्यु या दिव्यांगता पर कर्मचारी परिवार को पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाता है, प्रदेश सरकार ने भी इसे जारी करने की घोषणा की है जिसका स्वागत करते हैं।

एक देश में दो विधान नहीं हो सकते। अगर हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों को मृत्यु या अपंगता पर पारिवारिक पेंशन का प्रविधान होने जा रहा है तो 15 मई, 2003 के बाद जितने भी विधायक व सांसद चुने गए हैं उन्हें भी सिर्फ मृत्यु या अपंगता पर ही फैमिली पेंशन का प्रविधान होना चाहिए। प्रदेश के कर्मचारी अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से लगभग 300 बार मिल चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पुरानी पेंशन बहाली के लिए पत्र लिख चुके हैं। सरकारों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए कमेटी के गठन करने के लिए भी आश्वासन दिया था, परंतु आज तक वो अपना वादा पूरा नहीं कर पाए। संगठनों ने मंत्री राकेश पठानिया के उस बयान का भी विरोध किया कि न्यू पेंशन स्कीम कांग्रेस की देन है। न्यू पेंशन देने के लिए सभी दल बराबर रूप से जिम्मेदार हैं।

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