भाजपा व कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर गए परिणाम

प्रदेश के 10 जिलों में जिला परिषद के परिणामों पर नजर दौड़ाएं तो भाजप

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Feb 2021 04:56 AM (IST) Updated:Fri, 12 Feb 2021 04:56 AM (IST)
भाजपा व कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर गए परिणाम
भाजपा व कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर गए परिणाम

रोहित नागपाल, शिमला

प्रदेश की 10 जिला परिषद में भाजपा को आठ में जीत हासिल हुई है। इनमें कांगड़ा व मंडी जिला भी शामिल हैं। कांग्रेस के हाथ शिमला व कुल्लू जिले ही लगें हैं। शिमला में पूर्ण बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस अंत तक आश्वस्त नहीं दिखी। कुल्लू में भाजपा समर्थित सदस्य के बागी होने से कांग्रेस के हाथ जिला परिषद लगी है। कांग्रेस को आठ जिलों में हार पर मंथन करने की जरूरत है। जो दो जिले पाए हैं वहां क्या खामियां रहीं, इस पर भी चितन करना होगा। कुलमिलाकर दोनों दलों को ये चुनाव सोचने पर मजबूर कर गए हैं।

भाजपा को कांगड़ा जिला जीतने के लिए मुख्यमंत्री को वहां जाना पड़ा। मंडी में मुख्ममंत्री की मौजूदगी में भाजपा के बागी के तौर पर चुनाव जीते जिला परिषद सदस्य को अध्यक्ष बनाया है। बिलासपुर, सोलन व सिरमौर में भाजपा को चुनावी नहीं बल्कि रणनीतिक जीत मिली है। यहां बड़े नेताओं को दखल करना पड़ा है। कांग्रेस भले ही आरोप लगाए कि सत्ता का इस्तेमाल कर भाजपा ने जिला परिषद में जीत हासिल की है लेकिन उक्त तीन जिलों में भाजपा संगठन के पदाधिकारियों से लेकर रणनीतिकारों ने जो काम किया है उसका फायदा पार्टी को जिला परिषद अध्यक्षों व उपाध्यक्षों के चयन में मिला है। सिरमौर में कांग्रेस शुरू में 21 साबित होने का पूरा प्रयास कर रही थी लेकिन भाजपा ने उसका जवाब उसी तरह की राजनीति से देते हुए जिला परिषद पर कब्जा किया। सोलन में भाजपा ने निर्दलीय के समर्थन से जिला परिषद पर कब्जा किया। बिलासपुर में भाजपा ने रणनीतिक जीत हासिल की है। कांग्रेस यहां सामान्य महिला को पद देने पर अड़ी रही। भाजपा ने युवा मुस्कान पर दांव खेलकर कांग्रेस को पटखनी दी। हालांकि संख्या बल दोनों के पास यहां भी सिरमौर की तरह था। भाजपा के लिए चंबा, हमीरपुर व ऊना में स्थिति लगभग साफ रही है।

किन्नौर में भी है बराबर का मुकाबला

किन्नौर में भी भाजपा व कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। दोनों दलों के पांच-पांच सदस्य हैं। यहां भी जीत राजनीतिक के बजाय रणनीतिक ज्यादा होगी।

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भाजपा को प्रदेश के लोगों ने जिला परिषद व पंचायत चुनाव में बड़ी जीत दिलाई है। भाजपा ने समर्थित या पार्टी की सोच रखने वाले सदस्यों को मिलाकर जिला परिषद बनाई है। यह प्रदेश में पार्टी की बड़ी जीत है और इसे 2022 के चुनाव में भी दोहराया जाएगा।

-सुरेश कश्यप, भाजपा अध्यक्ष

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भाजपा के घोषित समर्थित सदस्यों को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग कर जिला परिषद व बीडीसी चुनाव में जीत हासिल की है। जनता ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया है।

-कुलदीप राठौर, कांग्रेस अध्यक्ष

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