सिक्योरिटी वापस मांगी तो कर दी 10 फीसद कटौती
ऊना के एक निजी विश्वविद्यालय की निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग से शिकायत
ऊना के एक निजी विश्वविद्यालय की निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग से शिकायत
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10 हजार रुपये सिक्योरिटी दाखिले के दौरान छात्रों से ली थी
03 हजार के करीब छात्रों ने विश्वविद्यालय से की है डिग्री
1100-1100 रुपये प्रति छात्र काटे हैं निजी विश्वविद्यालय ने
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में अनियमितता का बड़ा मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय ने छात्रों से दाखिले के दौरान 10 हजार रुपये सिक्योरिटी ली थी। पासआउट होने के बाद छात्रों ने सिक्योरिटी वापस मांगी तो उनकी राशि से 10 फीसद की कटौती कर दी गई। विश्वविद्यालय से करीब तीन हजार छात्रों ने डिग्री की है। प्रति छात्र 1100-1100 रुपये काटे गए हैं। यदि इस राशि को मिला लिया जाए तो यह 33 लाख के करीब बनता है। छात्रों ने इसकी शिकायत हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग से की है। आयोग ने मामले की जांच शुरू कर निजी विश्वविद्यालय प्रशासन को तलब किया है।
बुधवार को आयोग में मामले की सुनवाई होगी। रिकार्ड जांचने के बाद ही विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आगामी कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी डिग्री देने व छात्रों को फैकल्टी बनाने का भी आरोप
निजी विश्वविद्यालय पर फर्जी डिग्री देने का भी आरोप है। आयोग को लिखे शिकायत पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के फैकल्टी में कुछ ऐसे शिक्षक थे जिनकी डिग्री फर्जी है। हालांकि ये शिकायत पहले भी हुई थी और मामला कोर्ट तक पहुंचा था। यह भी आरोप है कि विश्वविद्यालय में कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो खुद पढ़ाई करने के साथ विद्यार्थियों को भी पढ़ा रहे हैं। आयोग सभी शिकायतों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष सुनेगा।
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ऊना जिला के एक निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ शिकायत मिली है। मामले की जांच चल रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन को भी बुलाया गया है। उनका पक्ष सुनने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
-मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक, अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग
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दाखिले की तिथि 15 अक्टूबर तक बढ़ाई
नियामक आयोग ने सभी निजी विश्वविद्यालयों में दाखिले की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अक्टूबर तक कर दी है। पहले यह तिथि 30 सितंबर थी। कोरोना महामारी के खतरे के दौरान निजी विश्वविद्यालयों में कम दाखिले हुए हैं। आयोग ने छात्रों की समस्याओं को देखते हुए तिथि को बढ़ाया है।