हिमाचल में गहराया पेयजल संकट
राज्य ब्यूरो शिमला हिमाचल प्रदेश में पेयजल संकट गहरा गया है। सैकड़ों योजनाएं सूखने के क
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश में पेयजल संकट गहरा गया है। सैकड़ों योजनाएं सूखने के कगार पर है। इन्हें दूसरी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है ताकि लोगों को पीने के पानी का संकट पैदा न हो। कई बस्तियों में तीसरे और चौथे दिन सप्लाई जा रही है। सबसे ज्यादा मार ग्रेविटी के स्त्रोतों पर पड़ी है। इनमें पानी लगातार सूख रहा है। जहां पानी है भी वहां भी मात्रा काफी कम हो गई है। सूखे जैसे हालात से जल शक्ति विभाग भी चितित हो गया है। विभाग क राज्य मुख्यालय ने पेयजल से जुड़े 56 मंडलों से रिपोर्ट मांगी है। इसमें पहली जून तक सूखे से प्रभावित होने वाली योजनाओं का भी ब्योरा देना होगा। सूखे की मार से कैसे निपटेंगे, इसकी भी योजनावार नई योजना बनानी होगी। क्या प्रभावी कदम उठाए जाएंगे, इसका विस्तृत ब्योरा देना होगा। नल है जल नहीं
जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल का कनेक्शन दिया जा रहा है। सरकार का दावा है कि 13 लाख से ज्यादा घरों तक नलके पहुंचा दिए हैं। आलम यह है कि नल तो है, लेकिन इनमें नल नहीं है। सर्दी में कम बारिश, पर्याप्त बर्फबारी न होने के कारण स्त्रोतों में पानी पहले से कई गुना कम हो गया है। जबकि मांग पहले से कई गुना ज्यादा बढ़ गई है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी गांव में पहले 20 नल थे तो अब 80 हो गए हैं। पानी की मात्रा नहीं बढ़ी, इससे संकट और बढ़ गया। पानी का वितरण करना मुश्किल हो गया है। कई स्थानों पर असमान वितरण की भी शिकायतें आ रही है।
सरकार नए कनेक्शन पर लगा सकती है अस्थायी रोक
प्रदेश सरकार पेयजल के नए कनेक्शन पर अस्थायी रोक लगा सकती है। हालांकि इससे जल जीवन मिशन का लक्ष्य पूरा करने में कठिनाई आएगी।