नगर निगम का हिस्सा नहीं बनना चाहते साथ लगते गांव

नगर निगम शिमला का हिस्सा बनने से पहले ही शहर के साथ लगती पंचायतों के प्रतिनिधियों ने विरोध शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 06:46 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 06:46 PM (IST)
नगर निगम का हिस्सा नहीं बनना चाहते साथ लगते गांव
नगर निगम का हिस्सा नहीं बनना चाहते साथ लगते गांव

जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम शिमला का हिस्सा बनने से पहले ही शहर के साथ लगती पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। इसको लेकर साथ लगती पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने नगर निगम का हिस्सा बनने के विरोध में बैठक की। इसमें प्रस्ताव पारित किया गया कि इसका विरोध किया जाएगा। पंचायत प्रतिनिधियों का मानना है कि निगम का हिस्सा बनने से उन्हें सुविधा के नाम पर कुछ हासिल नहीं होगा। लोगों को हर काम के लिए अनुमति लेनी होगी। अपना रूटीन का काम भी लोग नहीं कर पाएंगे। इससे क्षेत्र के विकास कार्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

पंचायत प्रतिनिधियों ने शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को पत्र लिखकर मांग की है कि उन्हें नगर निगम का हिस्सा न बनाया जाए। मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इसमें मशोबरा, ढली, वरमू, चमियाणा, मल्याणा, रझाणा, मैहली, भौंट पगोग चैड़ी पंचायत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। पंचायत प्रतिनिधियों ने नगर निगम और शहरी विकास विभाग की इस कवायद का विरोध करने का फैसला लिया। इनका तर्क है कि अभी तक पंचायती राज होने के कारण पंचायतों का काफी अच्छा विकास हो रहा है। मनरेगा और अन्य योजनाओं के तहत काम हो रहे हैं।

बैठक में पंचायत मल्याणा के प्रधान, ढली के प्रधान, मल्याणा के उपप्रधान सहित चमियाणा और मशोबरा से आए जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। लंबे समय से नगर निगम का हिस्सा बनाने के लिए आवेदन आ रहे हैं। इन्हें निगम का हिस्सा बनाने के लिए काम किया जा रहा है। इसमें तर्क दिया जा रहा है कि शहर के साथ लगते गांवों को इसमें शामिल करके यहां पर सुविधाएं दी जाएंगी। वहीं पंचायत प्रतिनिधियों का तर्क है कि नगर निगम में 14 साल पहले भी क्षेत्रों को शामिल किया गया था। उनमें भी आज तक सुविधाएं नहीं मिली हैं। सुविधाएं देना तो दूर की बात वहां पर भवन मालिक खासे परेशान हैं। हजारों लोग निगम का हिस्सा बनने के कारण परेशान हैं। यदि बिना किसी फैसले के उन्हें भी हिस्सा बनाया जाता है तो भवन मालिकों को परेशानी होगी। नहीं तो हमारे यहां भी भवन मालिकों की हालत टुटू, कुसुपम्टी, न्यू शिमला, चक्कर सहित अन्य न्यू मर्ज एरिया के भवन मालिकों की तरह होगी। मशोबरा पंचायत के उपप्रधान सीता राम शर्मा ने कहा कि बैठक में शहरी विकास मंत्री को पत्र लिखकर विरोध करने का फैसला लिया है।

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