एपीजी विश्वविद्यालय की डिग्रियों की जांच अधूरी

राज्य ब्यूरो शिमला एपीजी विश्वविद्यालय शिमला में डिग्रियों के कथित फर्जीवाड़े की जांच पूरी न

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Jan 2021 07:18 PM (IST) Updated:Fri, 01 Jan 2021 07:18 PM (IST)
एपीजी विश्वविद्यालय की डिग्रियों की जांच अधूरी
एपीजी विश्वविद्यालय की डिग्रियों की जांच अधूरी

राज्य ब्यूरो, शिमला : एपीजी विश्वविद्यालय शिमला में डिग्रियों के कथित फर्जीवाड़े की जांच पूरी नहीं हो पा रही। सूत्रों के अनुसार करीब 60 डिग्रियों के फर्ज होने के पुख्ता सुबूत हैं, लेकिन सीआइडी की एसआइटी एक भी ऐसी डिग्री कब्जे में नहीं ले पाई है, जिस पर फर्जी होने का शक हो। फर्जीवाड़े के तार देश की राजधानी दिल्ली से जुड़े हुए हैं, लेकिन वहां जांच टीम दबिश नहीं दे पाई है। कुछ महीने पहले ही सीआइडी ने निजी विश्वविद्यालय के कैंपस में तीन दिन तक लगातार दबिश दी थी। तब ऐसा लग रहा था कि जांच एजेंसी बड़ी कार्रवाई करेगी, लेकिन बाद में जांच रफ्तार नहीं पकड़ पाई। हालांकि कुछ दस्तावेजों की फॉरेंसिक साइंस प्रयोगशाला से रिपोर्ट नहीं आ पाई है। इसका भी इंतजार किया जा रहा है। खासकर कंप्यूटरों की हार्डडिस्क का डाटा अगर पुनर्जीवित हुआ तो कई नए खुलासे हो सकते हैं।

यहां जांच पर पूरा जोर

उधर, सीआइडी की एक और बड़ी एसआइटी की जांच का पूरा जोर सोलन के सुल्तानपुर स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय पर है। इस मामले में हाल ही में जम्मू निवासी मनु जम्वाल को गिरफ्तार किया गया था। वह कई दिनों तक पुलिस रिमांड पर रहा। उधर, जांच दल ने डिग्री घोटाले के मुख्य आरोपित राजकुमार राणा से भी एक बार कड़ी पूछताछ की। ऐसा संदिग्ध एजेंटों, डिग्रीधारकों से हुई पूछताछ के आधार पर किया गया। अभी भी फर्जी डिग्रीधारकों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। कुछ टीमें लगातार जांच में जुटी हुई हैं। कई बार बाहरों राज्यों में भी दबिश दी गई। जांच टीम में प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। इस एसआइटी के मुखिया सीआइडी प्रमुख एन वेणुगोपाल हैं।

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