अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए खत्म होगा लंबा इंतजार
शिमला के क्षेत्रीय अस्पताल रिपन में अब अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए लं
जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला के क्षेत्रीय अस्पताल रिपन में अब अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए चक्कर पर चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके लिए अस्पताल प्रशासन परिसर में जल्द दूसरी अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि अल्ट्रासाउंड कक्ष के समीप दूसरा कमरा तैयार किया जा रहा है, जहां नई मशीन स्थापित की जाएगी। इसके स्थापित होने के बाद मरीजों को अल्ट्रासाउंड की लंबी तारीख नहीं दी जाएगी। मौजूदा समय में अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए मरीजों को एक से डेढ़ महीने बाद की डेट दी जाती है। हालत यह है कि एक से डेढ़ महीने बाद भी जब मरीज अल्ट्रासाउंड के लिए कक्ष के बाहर पहुंचता है तो भीड़ देखकर उसकी परेशानी और बढ़ जाती है। भीड़ के बीच अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए मरीज का सारा दिन लग जाता है। ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए काफी देर हो जाती है । डाक्टर अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देखने के बाद आगामी इलाज शुरू करते हैं।
आमतौर पर रोजाना अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर मरीजों की भीड़ जुटी रहती है। मरीजों को हाथों में अल्ट्रासाउंड फार्म व पर्ची लिए दिनभर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। अधिक परेशानी महिला मरीजों को पेश आती है, जिन्हें टेस्ट से पहले अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है। रिपन में रोजाना 800 से 1000 मरीज विभिन्न ओपीडी में अपना चेकअप करवाते हैं वही सैकड़ों मरीज अस्पताल के विभिन्न वार्डों में दाखिल रहते हैं।
रिपन में शिमला के अलावा सोलन, सिरमौर, और किन्नौर जिला से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। आइजीएमसी में अत्यधिक भीड़ होने की वजह से मरीज रिपन का रुख करते हैं। अस्पताल के एमएस रविद्र मोक्टा का कहना है कि नई मशीन लगाने के लिए कक्ष तैयार किया जा रहा है। कक्ष तैयार करने के बाद मशीन को इंस्टाल कर दिया जाएगा। अस्पताल में काफी लंबे समय से अल्ट्रासाउंड की दूसरी मशीन की कमी खल रही थी। उम्मीद है कि दूसरे मशीन लग जाने के बाद मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
इमरजेंसी सहित सामान्य टेस्ट हो रहे इकट्ठे
विभिन्न ओपीडी में चेकअप करवाने के बाद कई बार डाक्टर जल्दी ईलाज के लिए इमरजेंसी अल्ट्रासाउंड टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। अस्पताल में एक ही अल्ट्रासाउंड मशीन होने के चलते इमरजेंसी सहित सामान्य अल्ट्रासाउंड एक ही जगह होते हैं। ऐसे में दिनभर इमरजेंसी व सामान्य अल्ट्रासाउंड वाले मरीजों को भीड़ के बीच टेस्ट करवाने पर मजबूर होना पड़ता है। अस्पताल में आसपास कहीं भी निजी अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। ऐसे में कोई मरीज अपनी इच्छा से प्राइवेट क्लीनिक में टेस्ट करवाना भी चाहे तो नहीं करवा सकता।