शिमला में उमड़े पर्यटक, वीकेंड पर 60 फीसद तक आक्यूपेंसी
सरकार की ओर से कोरोना कर्फ्यू में दी गई ढील के बाद राजधानी शिमला में पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है।
जागरण संवाददाता, शिमला : सरकार की ओर से कोरोना कर्फ्यू में दी गई ढील के बाद राजधानी शिमला में पर्यटक काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। इससे यहां पर पर्यटन सीजन रफ्तार पकड़ने लगा है। होटलों में वीकेंड पर आक्यूपेंसी 60 फीसद तक पहुंच गई है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से काफी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए शिमला पहुंच रहे हैं। शिमला में वीकेंड पर बाजार बंद होने के कारण पर्यटक ज्यादा दिन तक नहीं रुक रहे हैं। शनिवार से पहले ही वे लौट जाते हैं।
वहीं वीकेंड पर जो पर्यटक शिमला घूमने आ रहे हैं वे भी शिमला में होटलों में ठहरने के बजाय शहर के बाहर होम स्टे में ठहर रहे हैं। बावजूद इसके होटल कारोबारियों ने कुछ राहत की सांस ली है। पिछले साल पर्यटन सीजन कोरोना की भेंट चढ़ गया था। दिसंबर में पर्यटन कारोबार ने रफ्तार पकड़ी। इस साल मार्च में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने पर्यटन पर फिर बंदिशें लगाना शुरू कर दिया। 10 दिन से कारोबार में कुछ उछाल आना शुरू हुआ है।
पर्यटन व्यवसायियों ने भी अपने स्टाफ को दोबारा काम पर बुलाना शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पर्यटन कारोबार एक बार फिर गति पकड़ेगा। पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से पर्यटन से जुड़े अन्य व्यवसाय जिसमें टैक्सी आपरेटर, टूअर एंड ट्रैवल एजेंसियां, आउटडोर फोटोग्राफर, रेस्तरां का कारोबार भी गति पकड़ेगा।
शिमला में वीकेंड पर बाजार बंद रहने का असर पर्यटन सीजन पर पड़ रहा है। वीकेंड पर जिस तादाद से पर्यटक आने चाहिए वे नहीं आ रहे हैं। सरकार को इस दिशा में भी विचार करना चाहिए।
हरनाम कुकरेजा, सलाहकार शिमला होटलियर एसोसिएशन। होटलों में कुछ दिन से आक्यूपेंसी तो बढ़ी है, लेकिन पर्यटक होटल के बजाय होम स्टे में ठहर रहे हैं। कई होम स्टे और गेस्ट हाउस बिना पंजीकरण के चल रहे हैं, ये पर्यटकों को गलत तरीके से ठहराते हैं। होटल और अन्य पर्यटन इकाइयां जो टैक्स देती हैं उन्हें इसका नुकसान हो रहा है।
मोहिंद्र सेठ, अध्यक्ष हिमाचल पर्यटन स्टेक होल्डर एसोसिएशन।