आइजीएमसी में अब तक 13900 को लगी वैक्सीन

इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) में कोरोना रोधी वैक्सीन की बर्बादी न हो इसके लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 04:21 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 04:21 PM (IST)
आइजीएमसी में अब तक 13900 को लगी वैक्सीन
आइजीएमसी में अब तक 13900 को लगी वैक्सीन

जागरण संवाददाता, शिमला : इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) में कोरोना रोधी वैक्सीन की बर्बादी न हो इसके लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए इम्यूनाइजेशन टीम की ओर से एक साथ 10 लोगों का पंजीकरण किया जाता है और पंजीकरण के बाद तुरंत वैक्सीन लगाई जाती है। अस्पताल में अब तक 13900 से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इसमें बुजुर्ग, 45 साल से अधिक उम्र के लोग, फ्रंटलाइन वर्कर और 45 से कम उम्र के लोग शामिल हैं।

आमतौर पर वैक्सीन की एक वायल में 10 से 11 डोज उपलब्ध रहती हैं। ऐसे में वायल को खोल देने के बाद उसे चार घंटे के भीतर इस्तेमाल करना होता है अन्यथा वह नष्ट करनी पड़ती है। वैक्सीन की बर्बादी न हो, इसके लिए अस्पताल प्रशासन शुरुआत के दिनों से ऐसा कर रहा है। परिणामस्वरूप अस्पताल में अभी तक वैक्सीन की बर्बादी का कोई मामला सामने नहीं आया है। 16 जनवरी को शुरू हुआ था वैक्सीनेशन अभियान

इसी साल 16 जनवरी को शुरू हुआ वैक्सीनेशन अभियान अभी भी जारी है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन सभी लोगों को मिल सके इसके लिए प्रशासन प्रयासरत है। वैक्सीन की किसी डोज को बर्बाद नहीं किया जाता है। आइजीएमसी जीरो वेस्टेज पर काम कर रहा है। कोरोना काल लंबे समय तक रह सकता है, इसलिए लोगों को इसके साथ जीने की आदत डालनी चाहिए ताकि सही तरीके से कोविड नियमों का पालन हो सके और संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। आइजीएमसी अस्पताल में कोरोना की पहली लहर में भी पूरी तैयारी की गई थी वहीं दूसरी लहर के लिए भी इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा अब आइजीएमसी प्रशासन तीसरी लहर के लिए भी पूरी तरह तैयार है। तीसरी लहर बच्चों के लिए हानिकारक बताई जा रही है, लेकिन अभी इस पर कुछ कह पाना मुश्किल है।

डा. जनकराज, एमएस आइजीएमसी अस्पताल। अस्पताल में केवल 93 मरीज उपचाराधीन

मौजूदा समय में आइजीएमसी अस्पताल में केवल 93 मरीज ही उपचाराधीन हैं। मरीजों की संख्या के साथ ही अस्पताल में इंतजाम किए जाते हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों के मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। प्रशासन ने सरकार की बंदिशों का कारण ही कोरोना चेन का कम होना माना है। अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल में आने वाले मरीजों और तीमारदारों से अपील की है कि कोरोना नियमों का यथावत पालन करें और स्वयं के साथ अन्य लोगों को संक्रमण से बचाए रखने के लिए अपना सहयोग दें।

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