धंसते रिज को बचाने का काम शुरू, अब नगर निगम खुद लगाएगा डंगा

धंसते रिज मैदान को बचाने के लिए नगर निगम अब खुद डंगा लगाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 03:41 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 03:41 PM (IST)
धंसते रिज को बचाने का काम शुरू,
अब नगर निगम खुद लगाएगा डंगा
धंसते रिज को बचाने का काम शुरू, अब नगर निगम खुद लगाएगा डंगा

जागरण संवाददाता, शिमला : धंसते रिज मैदान को बचाने के लिए नगर निगम अब खुद डंगा लगाएगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगने वाले डंगे का काम ड्राइंग, फारेस्ट क्लीयरेंस सहित कई अन्य तरह की औपचारिकताओं में फंसा हुआ है। जब तक ये औपचारिकताएं पूरी नहीं हो जाती तब तक यह डंगा रिज को बचाकर रखेगा।

नगर निगम ने रविवार को इसके लिए काम शुरू कर दिया है। डंगा लगाने के लिए पत्थर फेंक दिए हैं। सोमवार से खोदाई के बाद डंगा लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। अभी तक धंसे हुए हिस्से में टीन की चादरें लगाई हुई हैं, ताकि बारिश में पानी का रिसाव न हो। इसे भी हटा दिया जाएगा।

रिज पर डंगा लगाने के बाद यहां पर रेलिग लगाई जाएगी ताकि रिज की सुंदरता बरकरार रहे। दो सप्ताह से हो रही बारिश से इसके धंसने की आशंका बढ़ गई थी। कई जगह से पत्थर भी निकल रहे हैं। इसके बाद नगर निगम ने डंगे का काम खुद करवाने का फैसला लिया है।

नगर निगम के एक्सईएन राजेश ठाकुर ने बताया कि बरसात में नुकसान न हो इसके लिए निगम खुद इसकी मरम्मत कर रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इसका कार्य आने वाले दिनों में किया जाएगा। डेढ़ साल से लटका है स्थायी डंगे का काम

धंसते रिज मैदान को बचाने के लिए कवायद काफी समय से चल रही है। सरकार ने स्थायी सामाधान के लिए आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों की मदद लेने का निर्णय लिया है। लोक निर्माण विभाग ने इसका स्ट्रक्चरल डिजाइन तैयार कर आइआइटी रुड़की को भेजा है। डंगा लगाने के लिए कई अन्य तरह की औपचारिकताएं हैं। यह पूरी होने के बाद इसका टेंडर लगेगा। कोरोना के चलते डेढ़ साल से इस काम में देरी हो रही है। 70 मीटर होगी डंगे की लंबाई

लोक निर्माण विभाग के अनुसार रिज पर 70 मीटर लंबा डंगा लगाया जाएगा, इसकी चौड़ाई 10 मीटर होगी। इससे रिज की चौड़ाई करीब 33 फीट बढ़ जाएगी। यह डंगा पदमदेव परिसर से लेकर टाउनहाल तक लगाया जाएगा। डंगे की ऊंचाई इतनी ज्यादा होगी कि इसमें तीन मंजिलें बन जाएंगी। शिमला में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के कोर ग्रीन एरिया निर्माण पर प्रतिबंध के चलते भवन नहीं बनाया जा सकता, इसलिए इस पूरे स्ट्रक्चर को खाली रखा जाएगा। भविष्य में यदि रोक हटती है तो इसमें तीन मंजिला व्यावसायिक भवन का निर्माण हो सकता है। 2011 से लगातार धंस रहा रिज

वर्ष 2008 में रिज का एक हिस्सा धंसा था। वर्ष 2011 से रिज मैदान का एक हिस्सा लगातार धंसता जा रहा है। औपचारिकता के नाम पर पैचवर्क ही किया जाता है। पिछले साल टाउनहाल के सामने वाला हिस्सा पूरी तरह बैठ गया था। पानी की निकासी करने की दी है सलाह

आइआइटी रुड़की ने डंगा लगाने के साथ पानी की निकासी के लिए बेहतर इंतजाम करने का सुझाव दिया है। इसमें तर्क दिया गया है कि इसके बगैर किसी भी तरह से मजबूती देना मुश्किल हो जाएगा। आइआइटी की विशेषज्ञ टीम मार्च में शिमला के दौरे पर आई थी। टीम ने धंसते रिज मैदान की मिट्टी व राक स्ट्राटा की जांच की थी।

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