आइजीएमसी का ट्रायज वार्ड होगा ई-ब्लॉक में शिफ्ट

इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में नए ओपीडी ब्लॉक के तैयार होने से जल्द बदलाव होने वाले हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 03:51 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 06:16 AM (IST)
आइजीएमसी का ट्रायज वार्ड होगा ई-ब्लॉक में शिफ्ट
आइजीएमसी का ट्रायज वार्ड होगा ई-ब्लॉक में शिफ्ट

जागरण संवाददाता, शिमला : इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में नए ओपीडी ब्लॉक के तैयार होने से जल्द बदलाव होने वाले हैं। ओपीडी के शिफ्ट होने के साथ अब ट्रायज वार्ड के शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। मौजूदा समय में फ्लू ओपीडी के समीप ट्रायज वार्ड बनाया गया है जहां कोरोना प्रभावित राज्यों से आए विभिन्न बीमारियों से पीड़ित मरीजों के कोरोना टेस्ट व इलाज करवाया जाता है। इस दौरान विशेष डॉक्टरों की निगरानी में मरीजों का इलाज होता है। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर व्यक्ति को बीमारी संबंधित विभाग के वार्ड में शिफ्ट किया जाता है। वहीं रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ई-ब्लॉक स्थित आइसोलेशन में रखा जाता है।

वार्ड के शिफ्ट होने से अब ऐसे मरीजों के लिए टेस्ट से लेकर बैडिग की सुविधा ई-ब्लॉक स्थित आइसोलेशन वार्ड में रहेगी। ब्लॉक की धरातल मंजिल में वार्ड शिफ्ट किया जाना है।

आइजीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि ट्रायज वार्ड को शिफ्ट करने पर विचार चल रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि नए ओपीडी ब्लॉक तक पहुंचने वाले मरीज व तीमारदार मौजूदा ट्रायज वार्ड के रास्ते से गुजरेंगे। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा न रहे, इसके लिए अलग व्यवस्था की जा रही है।

वार्ड के शिफ्ट होने से भीड़ से मिलेगी राहत

आइजीएमसी में प्रदेशभर से रोजाना 1500 से 2000 मरीज विभिन्न ओपीडी में जांच के लिए पहुंचते हैं। वहीं करीब 800 से एक हजार मरीज रोजाना विभिन्न वार्डो में दाखिल रहते हैं। जगह कम होने की वजह से भीड़ बढ़ जाती है और कोरोना संकट में शारीरिक दूरी के नियम का पालन करवाना अस्पताल प्रशासन के लिए मुसीबत बन गया है। ट्रायज वार्ड शिफ्ट हो जाने से न्यू ओपीडी जाने वाले लोगों के लिए जगह खुलेगी। अन्य राज्यों से लौटे घायलों के लिए नया ओटी

सेब सीजन के प्रति एहतियात बरतते हुए अलग ऑपरेशन थियेटर यानी ओटी बनाने की तैयारी की जा रही है ताकि इमरजेंसी में काम करने वाले डॉक्टरों व अन्य आसपास मौजूद मरीजों को संक्रमण फैलने का खतरा न रहे। अस्पताल के मेन गेट के समीप दुर्घटनाग्रस्त मरीज की विजिट हिस्ट्री ली जाएगी, अगर मरीज कोरोना प्रभावित राज्यों से पिछले 15 दिन व एक महीने के भीतर लौटा होगा तो अस्पताल के मुख्य इमरजेंसी वार्ड में न ले जाकर नए तैयार किए जा रहे नए ऑपरेशन थियेटर में शिफ्ट किया जाएगा। जहां डॉक्टर व नर्सो की टीम मरीज का इलाज करेगी।

chat bot
आपका साथी