लापरवाही बढ़ाने लगी कोरोना की रफ्तार
शिमला में कोरोना के प्रति बरती जा रही लापरवारी भारी पड़ रही
जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला में कोरोना के प्रति बरती जा रही लापरवारी भारी पड़ रही है। पिछले एक सप्ताह में जिले में कोरोना संक्रमण के 105 नए मामले सामने आए हैं। यह मामले शिमला शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। इसमें भ्यूलिया, मिडल बाजार यूएस क्लब, रिपन, नवबहार, मिल्ट्री अस्पताल, कसुम्पटी, संजौली, छोटा शिमला, टुटू, फागली, न्यू शिमला, बालूगंज, घोड़ा चौकी, चक्कर, पंथाघाटी, आइजीएमसी, संकटमोचन, खलीनी, मल्याणा, ढली, लांगवुड, रामनगर, बीसीएस, टुटूकंडी, जतोग, दुधली, भट्ठाकुफर, जाखू के अलावा धामी, मुंडाघाट, तारादेवी, रोहड़ू, ठियोग, कोटखाई और कुमारसैन के इलाके शामिल हैं। बढ़ते मामलों को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
शिमला में दिसंबर माह से लेकर फरवरी तक कोरोना का संक्रमण कम होता दिख रहा था। लोग उचित शारीरिक दूरी के नियम की खुलेआम अवहेलना करते नजर आते हैं। बाहरी राज्यों से घूमने आए कई पर्यटकों के चेहरे से मास्क गायब होते हैं। ऐसे में संक्रमण के फैलाव में और बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है।
जिला निगरानी अधिकारी डॉ. राकेश भारद्वाज का कहना है कि कोरोना के खतरे को हल्के में न लें। खांसी-जुकाम के लक्षण नजर आने पर अस्पताल जाकर टेस्ट जरूर करवाएं। शिमला में रोजाना 15 से 20 मामले सामने आए हैं।
विभिन्न संस्थानों से हो रही रेंडम टेस्टिग
विभिन्न शिक्षण संस्थानों में कोरोना का खतरा जांचने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से रेंडम टेस्टिग की जा रही है। स्कूलों और कॉलेजों से 30 से 40 छात्रों के सैंपल लेकर टेस्ट किए जा रहे हैं। शिमला में आठ फरवरी से कॉलेज और 15 फरवरी से स्कूल खुले हैं। प्रदेश के कई स्कूलों में बच्चे और शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। खतरे के प्रति सतर्कता बरतते हुए विभाग ने अब छात्रों की टेस्टिग करनी शुरू की है।