शहर के पूर्व मेयरों की नजर में बजट महज औपचारिकता
जागरण संवाददाता शिमला शहर के पूर्व महापौरों की नजर में शहर का बजट महज औपचारिकता
जागरण संवाददाता, शिमला : शहर के पूर्व महापौरों की नजर में शहर का बजट महज औपचारिकता के लिए दिया गया है। पूर्व मेयर आदर्श सूद का कहना है कि नगर निगम के बजट में जिन साधनों से निगम की आय बढ़ाने की बात कही है, इन सभी को लागू करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी लेनी होगी। ग्रीन टैक्स की बात तो कर रहे हैं, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अभी तक इसे वसूलने के लिए अपना कोई सिस्टम निगम ने लागू नहीं किया है। स्टांप ड्यूटी की बात की जा रही है, इसे लागू करना आसान नहीं है। महज बातें करने के लिए बजट दिया है। वर्तमान में अम्रुत या स्मार्ट सिटी के तहत प्रोजेक्ट भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं। शहर के लोगों को सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिला है।
पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा कि निगम का बजट जनता पर बोझ डालने वाला है। भाजपा शासित नगर निगम जब से सत्ता में आया है। पानी, बिजली, प्रॉपर्टी टैक्स, कूड़ा इकट्ठा करने की फीस सहित सभी सेवाओं को महंगा कर जनता पर आर्थिक बोझ डालने का कार्य किया है। सरकार के दबाव में आकर नगर निगम ने पहले ही पानी, कूड़ा इकट्ठा करने की फीस, प्रॉपर्टी टैक्स आदि की दर में 10 फीसद की हर वर्ष वृद्धि का निर्णय लिया है। इससे आज आर्थिक संकट से जूझ रही जनता पर और अधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा। अब बिजली, संपत्ति के पंजीकरण से लेकर कुरियर पर टैक्स लगाने से आम जनता पर बोझ पड़ेगा। हालांकि इस दौर में तो निगम को आम जनता को राहत देनी चाहिए।