भारतीय इंजीनियरों ने अंग्रेजों को दी मात, 100 करोड़ की लागत से बनाई अाधुनिक सुरंग

Shimla Kalka railway line शिमला-कालका रेलवे लाइन पर अंग्रेजों द्वारा बनाई बड़ोग सुरंग को भारतीय इंजीनियर ने मात दी है नई सुरंग 100 करोड़ की लागत से तैयार की गई है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 08:31 AM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 08:31 AM (IST)
भारतीय इंजीनियरों ने अंग्रेजों को दी मात, 100 करोड़ की लागत से बनाई अाधुनिक सुरंग
भारतीय इंजीनियरों ने अंग्रेजों को दी मात, 100 करोड़ की लागत से बनाई अाधुनिक सुरंग

शिमला, जेएनएन। भारतीयों का कमाल अंग्रेजों द्वारा बनाई वर्ल्ड हेरिटेज शिमला-कालका रेलवे लाइन पर बड़ोग सुरंग को अब भारतीय इंजीनियरों ने मात दी है। 116 वर्ष बाद इस पहाड़ पर भारतीय इंजीनियरों ने उससे भी आकर्षक और आधुनिक सुरंग तैयार कर दी है। देश व विदेश के पर्यटकों को अब यहां दो आकर्षक सुरंगें देखने को मिलेंगी। एक सुरंग रेल मार्ग के  माध्यम से देखी जा सकेगी, दूसरी सड़क के माध्यम से। परवाणू-शिमला फोरलेन के निर्माण में लगी ग्रिल कंपनी ने इस सुरंग को तैयार कर लिया है। 100 करोड़ से तैयार इस सुरंग में कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। ये सुविधाएं ही इसे अंग्रेजों द्वारा बनाई सुरंग से आगे कर रही हैं।

 -सुनील शर्मा, सोलन

हिमाचल में एनएचए की पहली सुरंग हिमाचल में इस सुरंग से पहले राष्ट्रीय राजमार्गों पर कोई भी सुरंग नेशनल हाइवे अथारिटी (एनएचए) द्वारा तैयार नहीं की गई है। कुल्लू में 1300 मीटर रोहतांग सुरंग को बीआरओ यानी बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन द्वारा तैयार किया जा रहा है। हालांकि अन्य प्रदेश में एनएचए की ओर से कई जगह सुरंगों का कार्य जारी है, लेकिन बड़ोग में पहली तैयार सुरंग होगी। ब

अंग्रेजों ने लगाए थे सात साल

ऐतिहासिक बड़ोग रेल सुरंग विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसके निर्माण में 1896 से 1903 तक सात वर्ष लगे। कर्नल बड़ोग ने इसका निर्माण शुरू किया था। जब इसके दोनों सिरे नहीं मिले तो ब्रिटिश हुकूमत ने उन परं एक रुपये जुर्माना लगा दिया। इसे कर्नल सह नहीं सके और उन्होंने रिवाल्वर से पहले अपने कुत्ते को गोली मारी और बाद में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद चायल स्थित एक भेड़ पालक बाबा भलखु ने इसे बनाने में अंग्रेजी हुकूमत की मदद की। कालका शिमला रेलमार्ग पर यह 33 नंबर सुरंग सबसे लंबी है। इसे यूनेस्को ने 2003 में वल्र्ड हेरिटेज घोषित किया गया। इसकी चौड़ाई 10 से 12 फुट व लंबाई 1143 मीटर है।

काम पूरा हो चुका

दिसंबर तक सुरंग के कार्य को पूरा करने का समय दिया था। सुरंग का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाए।

-एके स्वामी, डायरेक्टर, नेशनल हाइवे अथारिटी।

15 जनवरी तक शुरू होगी

सुरंग को 15 जनवरी, 2020 को शुरू किया जा सकता है। फिलहाल इसके अप्रोच मार्ग को काम शेष है। यह सुरंग शमलेच और कलोल गांव को आपस में जोड़ेगी।

-राजीव पठानिया, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जीआर इंफ्रा कंपनी। सुरंग के अंदर ऑटोमेटिक एलईडी लाइट हैं। फायर सेफ्टी, जैट फैन और सीसीटीवी कैमरे स्थापित। सुरंग में आधुनिक सेंसर लगाए गए हैं जो खतरे को पहले ही भांप सकेंगे। सुरंग के बाहर कंट्रोल रूम होगा, जिसमें सीसीटीवी कैमरों और सेंसर का कंट्रोल होगा। सुरंग को न्यू ऑस्ट्रिया टर्नलिंग मैथड तकनीक से तैयार किया गया है।

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