निगम के बजट में दिखेगी स्मार्ट सिटी की दिशा
जागरण संवाददाता शिमला शहर में अगले साल क्या होना है इसकी दिशा वीरवार को मेयर सत्या कौं
जागरण संवाददाता, शिमला : शहर में अगले साल क्या होना है, इसकी दिशा वीरवार को मेयर सत्या कौंडल के बजट में साफ दिखेगी। कोरोना काल के बाद नगर निगम की आर्थिक स्थिति अभी पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौटी है, इसलिए शहर के लोगों को कुछ नई योजना दिखने की उम्मीद काफी कम है।
स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट से बजट को आकर्षक बनाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। शहर को मोनो रेल से लेकर एस्केलेटर और एलीवेटर तक के सपने दिखाए जा सकते हैं। अगले साल शहर में नगर निगम के चुनाव प्रस्तावित हैं, ऐसे में शहर के लोगों पर किसी तरह का नया कर लगाने की स्थिति में सत्ताधारी दल नहीं दिखता है। शहर ही नहीं बल्कि अगले साल विधानसभा के चुनाव भी प्रस्तावित हैं। ऐसे में लोगों की नजर इस पर है कि बजट में उन्हें निगम से क्या हासिल होता है। जनता नगर निगम से उम्मीद लगाए बैठी है कि कुछ नया मिलेगा। वहीं आय के नए साधन तलाशना निगम की मजबूरी है। इसलिए जनता के बजाय विभागों से कैसे अधिक से अधिक मदद ली जा सकती है। इस पर कोई फैसले घोषित किए जा सकते हैं। निगम को टैक्स व किराये सहित अन्य मदों से होती है 30 करोड़ की आय
वर्तमान में नगर निगम को टैक्स व किराये से लेकर अन्य मदों से 30 करोड़ रुपये के करीब आय सालाना होती है। वहीं निगम का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। सालाना वेतन व पेंशन से लेकर अन्य मदों पर खर्च 65 करोड़ तक पहुंच जाता है। निगम की आय गिरने के बावजूद ये खर्च तो उठाने ही होंगे। आय के नए संसाधन न मिलने के कारण शहर के विकास की गति धीमी हो सकती है। इसलिए स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट से शहर में आने वाले साल में विकास दिखाया जा सकता है। पार्षदों से लेकर जनता से लिए हैं सुझाव
शहर के बजट को बनाने के लिए निगम के सभी पार्षदों से लेकर शहरवासियों ने भी सुझाव दिए हैं। आम लोगों ने पार्क व पार्किंग से लेकर रास्तों तक के सुझाव दिए हैं। वहीं कुछ ने मोनो रेल तक बनाने के सुझाव दिए हैं। इनमें से कितने बजट में शामिल हुए हैं। ये तो वीरवार को ही साफ होगा, लेकिन फिलहाल शहर के पौने दो लाख लोगों को मेयर सत्या कौंडल के बजट का इंतजार है। आज भी बैठकें करने में व्यस्त रहे अधिकारी
शहर के बजट को अंतिम रूप देने के लिए नगर निगम प्रशासन के अधिकारी बुधवार को भी बैठकों में व्यस्त रहे। नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली से लेकर वित्त अधिकारी तक देर शाम तक बजट के बेहतर बनाने के काम में लगे रहे।