बस अड्डा प्राधिकरण से वसूला जाएगा टैक्स
शिमला शहर के नए बस अड्डे के टैक्स का विवाद जल्द ही सुलझ सकता
जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला शहर के नए बस अड्डे के टैक्स का विवाद जल्द ही सुलझ सकता है। नगर निगम शिमला ने लंबी कसरत के बाद आखिर अब फैसला लिया है कि इस संपत्ति का टैक्स राज्य बस अड्डा प्राधिकरण से वसूला जाएगा। निगम का जो भी करार ठेकेदार कंपनी के साथ हुआ है वे अपने स्तर पर उसे सुलझाने का फैसला ले।
नगर निगम दस्तावेजों के मुताबिक, जो मालिक है उसे टैक्स का नोटिस जारी कर रिकवरी करेगी। हालांकि अभी तक नए बस अड्डे के बनने के बाद अभी तक टैक्स की राशि निगम को नहीं मिली है। नगर निगम की ओर से ठेकेदार यानी बस अड्डा बनाने वाली कंपनी और बस अड्डा प्राधिकरण को लगातार टैक्स के लिए नोटिस जारी किए जाते रहे, लेकिन अभी तक इस मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। नगर निगम की कमेटी ने पिछले दो साल से इसमें किसे टैक्स को लेकर नोटिस जारी किया जाना है, इनके दावों से लेकर पक्षों को सुनने का काम चला था। अब इसमें फैसला लिया है कि निगम की ओर से टैक्स का नोटिस राज्य परिवहन निगम को दिया जाएगा।
मूल रूप से इसे सरकारी विभाग ने बनवाया है। ठेकेदार तो बनाकर कुछ समय चलाने के बाद इसे प्राधिकरण को सौंप देगा। नियमों के मुताबिक भी टैक्स उसी से लिया जा सकता है। जमीन जिसके नाम हो या फिर राजस्व दस्तावेजों में नाम दर्ज हो। इसलिए प्राधिकरण से टैक्स लेने का फैसला लिया है।
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पिछला बकाया मिलाकर पांच करोड़ बनता है टैक्स
टैक्स की बकाया राशि पांच करोड़ से ज्यादा बनती है। निगम प्रशासन लगातार ही इस टैक्स की राशि को रिकवर कर राजस्व बढ़ाने के प्रयास में लगा है। इसके लिए लगातार ही टैक्स रिकवरी को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। कई सालों से लगातार बस अड्डा प्रबंधन प्राधिकरण से लेकर ठेकेदार को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अब निगम को उम्मीद दिखने लगी है कि जल्द ही नए सिरे से टैक्स का आकलन कर इस मामले में टैक्स मिल सकता है।