शहरी निकायों को आज मिलेंगे सरदार

जागरण संवाददाता शिमला शहरी निकाय चुनाव के बाद रविवार को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद मिलने के साथ्

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 06:16 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 06:16 PM (IST)
शहरी निकायों को आज मिलेंगे सरदार
शहरी निकायों को आज मिलेंगे सरदार

जागरण संवाददाता, शिमला : शहरी निकाय चुनाव के बाद रविवार को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद मिलने के साथ नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह भी होगा। नगर निकायों में सरदारी के लिए भाजपा और कांग्रेस भी काफी दिन से जद्दोजहद में लगी है। लगातार बैठकें कर रणनीति बनाने का दौर जारी है। जुब्बल-कोटखाई में अभी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के नाम तय नहीं हो पाए हैं। वहीं चौपाल व रोहड़ू में भी अभी तक घमासान चला हुआ है।

कांग्रेस व भाजपा ने सभी निकायों में जीते निर्दलीय पार्षदों को अपनी तरफ करने के लिए जोर लगा रखा है। इसके लिए प्रलोभन से लेकर संगठन में बेहतर स्थान देने के लिए हरसंभव आश्वासन दिया जा रहा है। रात हो या फिर दिन लगातार बैठकें की जा रही हैं। बैठकों में बड़े नेता भी हिस्सा ले रहे हैं। दोनों ही राजनीतिक दल अपना अध्यक्ष बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। आठ में से छह निकायों में जीते हैं कांग्रेस समर्थित पार्षद

आंकड़ों के मुताबिक शिमला के आठ निकायों में से छह कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने जीते हैं। हालांकि भाजपा ने इसके बाद नारकंडा में अपना अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सहमति भी बन गई है। भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा था कि सुन्नी में भी भाजपा ही अपना अध्यक्ष बना लेगी। इसके बावजूद शिमला ग्रामीण के विधायक ने सुन्नी में प्रदीप को अध्यक्ष बनाने का दावा किया है। इसी तरह से कांग्रेस ने ठियोग में भी अध्यक्ष को फाइनल कर लिया है। यहां थापर को अध्यक्ष बनाया जाना तय है। वहीं रामपुर में कांग्रेस में प्रीति या मुस्कान को ढाई-ढाई साल के लिए अध्यक्ष बनाए जाने पर सहमति बनी है। इसी तरह से चौपाल व रोहड़ू में दोनों के लिए घमासान हो रहा है। यहां पर दोनों ही दल अध्यक्ष बनाने के लिए पूरी कसरत रहे हैं। नारकंडा में पहले जहां कांग्रेस का पक्ष मजबूत लग रहा था, वहीं अब भाजपा ने पूरी तरह से कमान संभाल ली है। जुब्बल व कोटखाई में मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में दोनों के नाम तय किए जाने हैं। पार्षदों को संभाल कर रखना चुनौती

जिले में नवनिर्वाचित पार्षदों को संभाल कर रखना दोनों के लिए ही चुनौती बना है। इससे लगता है कि अगले 24 घंटों में यह तय हो जाएगा कि शहरी निकायों में आखिर कौन कमान संभालेगा।

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