रिज और मालरोड पर पुलिस की सख्ती, नहीं जुटने दी भीड़

राजधानी शिमला के रिज व मालरोड पर रविवार को पुलिस की खासी सख्ती दिखी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 04:44 PM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 04:44 PM (IST)
रिज और मालरोड पर पुलिस की सख्ती, नहीं जुटने दी भीड़
रिज और मालरोड पर पुलिस की सख्ती, नहीं जुटने दी भीड़

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला के रिज व मालरोड पर रविवार को पुलिस की खासी सख्ती दिखाई दी। मास्क न पहनने वालों के चालान काटे गए और रिज पर भीड़ जुटने नहीं दी। पर्यटकों की भीड़ नियंत्रित करने के लिए मालरोड सहित लक्कड़बाजार में पुलिस कर्मी तैनात रहे। शिमला में सप्ताह के बाकी दिनों के बजाय वीकेंड पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है।

शिमला के सुहावने मौसम का आनंद उठाने के लिए पर्यटक यहां का रुख कर रहे हैं। पर्यटक दोस्तों व परिवार के सदस्यों के साथ समूह बनाकर मालरोड पर टहलने के लिए पहुंच रहे हैं। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सरकार ने सख्ती के निर्देश दिए हैं। इसके चलते मालरोड व रिज पर रविवार को पुलिस का कड़ा पहरा रहा। इसके अलावा मालरोड पर लगे लकड़ी के बैंच उठा दिए गए हैं तो लोग रेलिग पर बैठने दिखे। पुलिस सुबह से लेकर शाम तक लोगों को कोरोना संबंधी जारी किए गए नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करती रही। बुकिग रद करवा रहे पर्यटक

होटल एसोसिएशन शिमला के सलाहकार हरनाम कुकरेजा का कहना है कि कोरोना के कारण दो साल से पर्यटन व्यवसाय मंदी की मार झेल रहा है। कुछ महीनों से कोरोना संक्रमण से हल्की राहत मिलनी शुरू हुई थी लेकिन अब दोबारा तीसरी लहर की संभावना के चलते पर्यटक एडवांस बुकिग को रद करवा रहे हैं और न ही नई बुकिग करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि होटल कारोबारी संक्रमण के लिए सुझाए गए सभी प्रकार के नियमों का पालन कर रहे हैं ताकि स्वयं व स्टाफ के साथ पर्यटकों को संक्रमण से बचाया जा सके। दो सप्ताह में 40 फीसद घटी आक्युपेंसी

शिमला में 15 दिन पहले जहां वीकेंड पर होटलों में पर्यटकों की 100 फीसद आक्युपेंसी रह रही थी वह घटकर 50 से 60 फीसद रह गई है। वहीं पिछले हफ्ते आक्युपेंसी 80 फीसद चल रही थी। होटल कारोबारियों का कहना है कि संक्रमण की आशंका में कारोबार भी मंदा होने की कगार पर है। शिमला में गर्मियों व बरसात के मौसम के दौरान पर्यटन सीजन में तेजी आती थी लेकिन दो साल से कारोबार में काफी गिरावट आई है। इसकी मार बड़े व छोटे कारोबारियों को भी झेलनी पड़ रही है।

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