त्योहारी सीजन की तैयारी, दशहरा के लिए बनाने लगे पुतले

कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले करीब डेढ़ साल सार्वजनिक कार्यक्र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 05:08 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 05:08 PM (IST)
त्योहारी सीजन की तैयारी, दशहरा के लिए बनाने लगे पुतले
त्योहारी सीजन की तैयारी, दशहरा के लिए बनाने लगे पुतले

जागरण संवाददाता, शिमला : कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले करीब डेढ़ साल सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा रहा। इस वजह से न रामलीला का मंचन हुआ और न ही रावण के पुतले जले, लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा कम हुआ तो अब फिर से धार्मिक सार्वजनिक कार्यक्रम भी पटरी पर लौट रहे हैं।

इस बार शिमला के बालूगंज मैदान में 15 अक्टूबर को दशहरा पर्व पर 50 फुट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। वहीं कालीबाड़ी मंदिर दुर्गापूजा के लिए तैयारी पूरी कर ली है। अब मूर्तियों के दर्शन के लिए लोग लगातार पहुंच रहे हैं। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने, मास्क लगाने से लेकर पहली बार मंदिर परिसर में वैक्सीनेशन की सुविधा भी दी जा रही है।

दशहरा के लिए कार्यक्रम स्थल पर ही रावण का पुतला तैयार किया जा रहा है। रावण का पुतला 10 सिर वाला होगा और पुतले की ऊंचाई 50 फीट होगी। पुतले को तैयार करने के लिए गाजियाबाद से आए कारीगर आदिल अख्तर सहित अन्य कारीगर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि वे पिछले कई साल से रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले बनाते आ रहे हैं। पुतले बनाना उनका पुश्तैनी काम है। बालूगंज मैदान में जलने वाले रावण के पुतले को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसका ढांचा तैयार हो चुका है, पुतले पर पेंटिग व चेहरा बनाने का काम अभी बाकी है। इनके अंदर आतिशबाजी का सामान भी लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुतला दहन से पहले करीब एक घंटे तक आतिशबाजी की जाएगी। समरहिल में इसे बनाया जा रहा है। कोरोना की वजह से पिछले साल पुतले बनाने का काम बंद था। इन्हें बनाने में आदिल का साथ कासीन और सगीर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुतले बनाने में बांस का अधिक प्रयोग होता है वही बांस को बांधने के लिए रस्सी पेपर का इस्तेमाल किया जाता है। इसको ज्वलनशील बनाने के लिए सूखी घास का इस्तेमाल भी किया जाएगा।

हिदू धर्म का करते हैं सम्मान

कारीगरों का कहना है कि भले ही उनका धर्म अलग है लेकिन हिदू धर्म का सम्मान करते हुए वे पुश्तैनी काम को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कामना करते हुए कहा कि समाज से रावण रूपी बुराइयों का अंत होना चाहिए और लोगों के बीच शांति व भाईचारे की भावना बढ़नी चाहिए।

सुबह पहुंच गए थे लोग, दोपहर को लगने लगी वैक्सीनेशन

कालीबाड़ी मंदिर परिसर में सुबह से ही लोग वैक्सीन लगाने के लिए पहुंच रहे थे, लेकिन वैक्सीन लगाने के लिए काउंटर सुबह की बजाय दोपहर बाद लगा। इस समय तक लोग यहां पर इंतजार करते रहे।

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