265 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाला में सीबीआइ ने दाखिल की दूसरी चार्जशीट, जानिए पूरा मामला

Scholarship Scam 265 करोड़ रुपये के बहुचर्चित छत्रवृत्ति घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने शिमला की एक कोर्ट में दूसरी चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट पंजाब के नवांशहर स्थित केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के खिलाफ हैं।

By Edited By: Publish:Mon, 04 Jan 2021 07:40 PM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 11:46 AM (IST)
265 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाला में सीबीआइ ने दाखिल की दूसरी चार्जशीट, जानिए पूरा मामला
265 करोड़ रुपये के बहुचर्चित छत्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ ने शिमला की एक कोर्ट में दूसरी चार्जशीट दाखिल की है।

शिमला, राज्य ब्यूरो। 265 करोड़ रुपये के बहुचर्चित छत्रवृत्ति घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने शिमला की एक कोर्ट में दूसरी चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट पंजाब के नवांशहर स्थित केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के खिलाफ हैं। सूत्रों के अनुसार इसमें हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तत्कालीन कर्मचारी, बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी व इस निजी संस्थान के कर्ताधर्ताओं समेत 11 लोगों को आरोपित बनाया गया है। अब इन सब आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में केस चलेगा। चार्जशीट में शिक्षा विभाग का तत्कालीन अधीक्षक अरविंद राजटा मुख्य आरोपित हैं। पहली चार्जशीट में भी वही मुख्य आरोपित थे। जिन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, उनमें शिक्षा विभाग के अरविंद राजटा, माला मेहता, श्रीराम शर्मा, सुरेंद्र मोहन कंवर, अशोक कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के हितेश गांधी, प्रेमपाल गांधी, सरोज शर्मा, किरण चौधरी, बैंक कर्मी सुरेंद्र पाल सिंहं, एक अन्य कंप्यूटर संस्थान के सुनील कुमार शामिल हैं।

पहली चार्जशीट में ये थे आरोपित पहली चार्जशीट में कुल 12 व्यक्तियों को आरोपित बनाया गया था। उनमें शिक्षा विभाग का तत्कालीन अधीक्षक एवं छात्रवृत्ति विंग का डीलिंग हैंड अरविंद, तत्कालीन असिस्टेंट डायरेक्टर माला मेहता, तत्कालीन अधीक्षक एवं डीडीओ श्रीराम शर्मा, तत्कालीन अधीक्षक एवं बीडीओ सुरेंद्र मोहन कंवर, तत्कालीन अधीक्षक एवं डीडीओ अशोक कुमार, तत्कालीन अधीक्षक एवं डीडीओ वीरेंद्र कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट की निदेशक सरोज शर्मा, तत्कालीन कैंपस निदेशक डॉक्टर बीएस संधू, तत्कालीन उपाध्यक्ष एवं मालिक हितेश गांधी, तत्कालीन अध्यक्ष प्रेम लाल गांधी, कार्यकारी प्रिंसिपल किरण चौधरी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया नवांशहर पंजाब के तत्कालीन हेड कैशियर एसपी सिंह शामिल था।

दो लाख मेधावी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति डकारी आरोप है कि 22 से लेकर 28 निजी संस्थानों ने करीब दो लाख मेधावी विद्यार्थियों की 265 करोड़ की छात्रवृत्ति डकारी है। सीबीआइ जांच से पता चला है कि पंडोगा में निजी शिक्षण संस्थान ने विद्यार्थियों की जाति बदल दी थी। इनके मूल दस्तावेज से फर्जीवाड़ा किया। अनुसूचित जाति से अनुसूचित जनजाति के जाली दस्तावेज बनाए गए और मोबाइल फोन नंबर से लेकर संकाय तक बदल डाले। ऐसे विद्यार्थी चार साल पहले संस्थान छोड़कर चले गए थे, लेकिन इनके नाम से फर्जी दाखिले दर्शाए गए और छात्रवृत्ति ली जाती रही।

क्या है मामला

2013-14 से 2016-17 तक 924 निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को 210.05 करोड़ और 18682 सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों को 56.35 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति के दिए गए। आरोप है कि कई संस्थानों ने फर्जी दस्तावेज के आधार छात्रवृत्ति की मोटी रकम हड़प ली। जनजातीय क्षेत्रों के विद्यार्थियों को कई साल तक छात्रवृत्ति ही नहीं मिल पाई। शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक प्री और पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप के तौर पर विद्यार्थियों को 266.32 करोड़ रुपये दिए गए। इनमें गड़बड़ी पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप में हुई है।

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