सरकारी स्कूलों में 6497 कमरे खस्ताहाल
प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों के बराबर सुविधाएं देने के दावे झूठे साबित हो रहे हैं।
अनिल ठाकुर, शिमला
प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों के बराबर सुविधाएं देने का दावा कर रही है। शहर व इसके आसपास के स्कूलों में यह दावा सही भी साबित होता है, लेकिन ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्र के स्कूलों में हालत खराब है। 6497 क्लास रूम की हालत खस्ता है। कई स्कूलों की छत से पानी टपकता है, कइयों की खिड़कियां टूटी हुई हैं। कुछ के फर्श टूटे हुए हैं। कुछ स्कूलों के कमरों की दीवारें भी खराब हो चुकी हैं। प्राइमरी, मिडिल और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों की ऐसी हालत है।
यू-डाइस रिपोर्ट में इसका पता चला है। हिमाचल में 10,574 प्राइमरी स्कूल हैं। 1948 अप्पर प्राइमरी और 1868 के करीब वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल हैं। प्राइमरी स्कूलों में 33364 क्लास रूम हैं। इनमें से 23618 ही अच्छी हालत में हैं। 4096 कमरों की हालत खराब है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें काफी मरम्मत की जरूरत है। 5650 क्लासरूम में भी हल्की मरम्मत की जरूरत बताई गई है। मिडिल स्कूलों में क्लासरूम की संख्या 5603 है। इसमें 4295 क्लासरूम ही अच्छी हालत में हैं। 318 में मेजर रिपेयर और 990 में हल्की मरम्मत की जरूरत बताई गई है। हाई स्कूलों में क्लास रूम की संख्या 4357 है। इनमें 2990 ही अच्छी स्थिति में हैं। 468 में मेजर व 899 में हल्की मरम्मत की जरूरत बताई गई है। वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में कमरों की संख्या 18224 है। 1615 की काफी अधिक व 3009 में हल्की मरम्मत की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने हिमाचल को स्टार्स प्रोजेक्ट स्वीकृत किया है। इसके तहत हिमाचल को अगले पांच साल में 100 करोड़ के करीब बजट मिलेगा। इसके तहत प्राइमरी स्कूलों की हालत को सुधारा जाएगा। एक कमरे में छह कक्षाएं
शिमला जिला के उपमंडल डोडरा क्वार के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जिस्कून के भवन ही हालात खराब है। यहां पर एक ही कमरा है, जिसमें छह कक्षाएं लगती हैं। स्कूल पुराने भवन में चल रहा है। अस्थायी व्यवस्था के लिए खेल मैदान में ही कक्षाएं लगाई जाती हैं। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने शिक्षा उपनिदेशक को निर्देश दिया है कि नया भवन बनाने के लिए सारी औपचारिकताएं जल्द पूरी करें। जिला प्रशासन भी इसमें जुटा हुआ है। जिला परिषद की बैठक में भी यह मामला उठ चुका है।