आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट मिलने में नहीं होगी देरी

जागरण संवाददाता शिमला आइजीएमसी में अब कोरोना की रियल टाइम पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (आर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 31 May 2021 03:33 PM (IST) Updated:Mon, 31 May 2021 03:33 PM (IST)
आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट मिलने में नहीं होगी देरी
आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट मिलने में नहीं होगी देरी

जागरण संवाददाता, शिमला : आइजीएमसी में अब कोरोना की रियल टाइम पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) टेस्ट की रिपोर्ट के लिए लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मरीजों को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मिल सकेगी। इससे मरीजों को खासी राहत मिलेगी और उनका समय बचेगा। अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियो की क्वारंटाइन अवधि खत्म होने के बाद रिपोर्ट मिलने में देरी नहीं होगी। इससे पहले अस्पताल की लैब में स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित होने पर बाकी स्टाफ को भी क्वारंटाइन किया जाता था लेकिन अब क्वारंटाइन अवधि खत्म हो गई है तो संदिग्ध स्टाफ का टेस्ट करके ड्यूटी कर सकेंगे।

आरटीपीसीआर सैंपलिग व टेस्टिग प्रक्रिया लंबी होने के कारण अस्पताल में इसकी रिपोर्ट मिलने में तीन से चार दिन लग जाते थे। इस दौरान मरीजों को काफी परेशानियों से दो-चार होना पड़ता था। इससे परेशान कई बार मरीज रिपोर्ट लेने खुद ही अस्पताल पहुंचते थे और अस्पताल में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता था। हालांकि अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा सैंपल लेने के बाद मरीजों को एक एसएमएस के जरिए सैंपल की रिपोर्ट न आने तक आइसोलेट होने के लिए कहा जाता है। रिपोर्ट समय पर न मिलने के चलते मरीज खासे परेशान होते थे।

बाहर आवाजाही के लिए पड़ती है जरूरत

जिले में अधिकतर टेस्टिग रैपिड एंटीजन टेस्टिग प्रक्रिया के माध्यम से होती है क्योंकि इसमें महज पांच से दस मिनट में मरीज की रिपोर्ट सामने आ जाती है लेकिन खासकर राज्य से बाहर आवाजाही करने के लिए लोगों को आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट चाहिए होती है। रिपोर्ट में देरी के कारण लोगों को काफी दिक्कतें पेश आती थी। जिले भर से सैंपल इकट्ठे होकर आइजीएमसी टेस्टिग के लिए लाए जाते हैं।

समय पर तैयार होती है रिपोर्ट : जनक राज

अस्पताल के एमएस डाक्टर जनकराज का कहना है कि अस्पताल में एक दिन बाद ही अरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट दी जा रही है। टेस्ट लेने वाले कर्मचारी कोरोना संक्रमित होने के चलते रिपोर्ट आने में देरी हो रही थी। अब पाजिटिव कर्मचारियों का क्वारंटाइन पीडियड खत्म हो चुका है और वह काम पर लौट चुके हैं। इसलिए रिपोर्ट जल्दी मिल रही है। इसके अलावा सैंपल भी कम आ रहे हैं तो कर्मियों पर काम का अधिक बोझ नहीं पड़ रहा और समय पर रिपोर्ट तैयार हो रही है।

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