रिपन अस्पताल फिर बनेगा कोरोना समर्पित अस्पताल

जागरण संवाददाता शिमला राजधानी शिमला के क्षेत्रीय अस्पताल रिपन को एक बार फिर कोरोना समि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:42 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 07:42 PM (IST)
रिपन अस्पताल फिर बनेगा कोरोना समर्पित अस्पताल
रिपन अस्पताल फिर बनेगा कोरोना समर्पित अस्पताल

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला के क्षेत्रीय अस्पताल रिपन को एक बार फिर कोरोना समर्पित अस्पताल बनाया जा रहा है। शिमला जिले में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। इसके लिए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर ली है। अस्पताल के विभिन्न वार्डो को खाली करवाने का काम चल रहा है। दाखिल मरीजों को धीरे-धीरे डिस्चार्ज करने की शुरुआत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि आगामी दिनों में अब नॉन कोविड मरीजों को दाखिल नहीं करवाया जाएगा। पिछले साल की तर्ज पर इस साल भी रिपन को कोरोना समर्पित अस्पताल बनाया जा रहा है।

कोरोना के मामले कम होने के बाद इस साल जनवरी में अस्पताल को नॉन कोविड मरीजों के लिए खोला गया था। ओपीडी सुविधाएं शुरू हुई थीं और विभिन्न विभागों के वार्डो में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं देना शुरू किया गया था। इस साल कोरोना के कारण गंभीर स्थिति बनने के बाद अस्पताल को कोरोना समर्पित अस्पताल बनाया जाएगा। बंद हो सकती हैं ओपीडी सेवाएं

कोरोना समर्पित अस्पताल बनने के बाद रिपन अस्पताल में चल रही ओपीडी सेवाएं बंद हो सकती हैं। ओपीडी बंद होने से मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉॅलेज (आइजीमएसी) में प्रदेशभर के मरीजों की आवाजाही के कारण शिमला शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा सिरमौर, सोलन और किन्नौर जिले के मरीज रिपन अस्पताल का रुख करते हैं। अस्पताल में रोजाना एक हजार से 1500 मरीजों की ओपीडी रहती है। पिछले साल भी कोरोना समर्पित अस्पताल बनने के बाद ओपीडी सेवाएं बंद की गई थीं। मशोबरा बना कोरोना समर्पित केंद्र

शिमला में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी मरीजों को रखने के लिए कोविड समर्पित सेंटर बनाने शुरू कर दिए हैं। इसी हफ्ते मंगलवार को जिला प्रशासन ने पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान मशोबरा को कोविड केयर सेंटर के रूप में अधिसूचित किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला इस केंद्र में चिकित्सा आधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात करेंगे ताकि कोविड महामारी से सुरक्षा बारे जारी हिदायतों का पालन सुनिश्चित हो सके। मशोबरा इससे पहले भी कोविड का समर्पित केंद्र रह चुका है। शिमला में रोजाना कोरोना के 50 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इन मरीजों के इलाज के लिए बिस्तर से लेकर अस्पताल तक की व्यवस्था की जा रही है।

chat bot
आपका साथी