रिपन में बिस्तर भरे, मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी
जागरण संवाददाता शिमला शहर का कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन मरीजों से भर चुका है। अस्पताल
जागरण संवाददाता, शिमला : शहर का कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन मरीजों से भर चुका है। अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए लगाए गए 125 बिस्तर भर गए हैं। ऐसे में अस्पताल में अब अन्य मरीजों को दाखिल करने की जगह नहीं बच पाई है। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) को जल्द ही बिस्तर की संख्या बढ़ानी होगी।
मौजूदा समय तक आइजीएमसी में दाखिल मरीज जब गंभीर अवस्था से स्थिर अवस्था में आता था तो उसे रिपन शिफ्ट कर दिया जाता था। लेकिन रिपन में मरीजों की संख्या बढ़ने और बिस्तर भरने से आइजीएमसी के मरीजों को अब शिफ्ट नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर से आने वाले मरीजों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। रिपन में जगह न होने के कारण अब इन मरीजों को आइजीएमसी का रुख करना पड़ सकता है। रिपन में मरीजों की संख्या अधिक न होने और बढि़या देखभाल की उम्मीद में मरीज यहां आना सही समझते हैं।
प्रदेशभर में कोरोना वायरस की गंभीर स्थिति के चलते आइजीएमसी में बिस्तर की संख्या बढ़ाने के लिए प्रशासन व्यवस्था कर रहा है। मौजूदा समय में अस्पताल में करीब 345 बेड कोरोना मरीजों के लिए लगाए गए हैं। इनमें से अभी तक 315 मरीज दाखिल हैं। यह सभी मरीज ऑक्सीजन पर हैं। अस्पताल के न्यू ओपीडी ब्लॉक की विभिन्न मंजिलों में कोरोना मरीजों को रखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन बिस्तरों की संख्या 500 तक बढ़ाई जा सकती है ताकि अधिक से अधिक मरीजों को दाखिल किया जा सके। रिपन में नहीं मल्टीस्पेश्येलिटी विभाग
कोरोना समर्पित अस्पताल में मल्टी स्पेशल विभाग मौजूद नहीं है। इसलिए इस अस्पताल में अति गंभीर मरीजों को नहीं रखा जाता है। यहां अधिकतर गंभीर लक्षण वाले मरीजों को रखा जाता है। अस्पताल में कार्डियो, सायकेट्री, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी सहित मल्टी स्पेशल विभागों के डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए कोरोना वायरस के साथ अन्य गंभीर बीमारी होने पर मरीजों को यहां से आइजीएमसी शिफ्ट करने की नौबत पड़ती है। अभी तक अस्पताल में सर्जरी, मेडिसिन, ऑर्थो, ईएनटी, स्किन और डेंटल विभाग मौजूद हैं।