कोरोना की दर का पता लगाने के लिए जिले में बढ़ेगी सैंपलिग

जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिग बढ़

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Aug 2021 04:14 PM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 04:14 PM (IST)
कोरोना की दर का पता लगाने 
के लिए जिले में बढ़ेगी सैंपलिग
कोरोना की दर का पता लगाने के लिए जिले में बढ़ेगी सैंपलिग

जागरण संवाददाता, शिमला : जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिग बढ़ा दी है। जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पिछले साल से कम है लेकिन इसके बावजूद जिला स्वास्थ्य विभाग संक्रमण की दर का पता करने के लिए टेस्टिग प्रक्रिया तेज करने में जुटा है। जिले में पिछले महीने की अपेक्षा अधिक टेस्ट किए जा रहे हैं। रोजाना टेस्टिग का आंकड़ा 1500 पार कर रहा है। यह रैट यानी रैपिड एंटीजन टेस्टिग के जरिए संभव हो रहा है।

कोरोना संक्रमण के बढ़ने के चलते प्रदेश सरकार ने रैट को बड़े पैमाने के लिए टेस्टिग को मंजूरी दी है तो महज पांच मिनट में होने वाले इस टेस्ट के जरिए सैंपलिग बढ़ाई जा रही है। इससे जिले में कम समय के भीतर अधिक से अधिक लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं।

पिछले माह जहां अधिकतम 1200 से 1300 लोगों के सैंपल संभव हो पाते थे वे अब बढ़ गए हैं, वहीं अब विभाग आरटीपीसीआर टेस्टिग बढ़ाने का विचार कर रहा है। सैंपलिग प्रक्रिया तेज होने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को घरद्वार टेस्ट करने की सुविधा मिल रही है।

चार मोबाइल टेस्टिग वैन तैनात

जिले के ग्रामीण इलाकों के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से चार मोबाइल टेस्टिग वैन तैनात की गई हैं। इसमें विशेषकर ऐसे लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं जो किसी असमर्थता के कारण नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में टेस्ट करवाने नहीं पहुंच पाते। साथ ही शिमला में ऐसी जगह जहां पर स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों का अभाव है, वहां भी मोबाइल टेस्टिग वैन से टेस्टिग करना शुरू कर दिया गया है। ऐसे लोगों के सैंपल घर से ही लिए जाते हैं और उन्हें घर बैठे रिपोर्ट दी जाती है।

ग्रामीण क्षेत्रों की ओर अधिक ध्यान

जिला निगरानी अधिकारी डा. राकेश भारद्वाज का कहना है कि जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। टेस्टिग प्रक्रिया में और तेजी लाई गई है ताकि समय रहते संक्रमण का पता चल सके और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जानें बचाई जा सकें। कई दिन से देखा जा रहा है कि शहरी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण कम है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर घटती नजर नहीं आ रही। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा और टेस्टिग प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा। उनका कहना है कि रैट प्रक्रिया से समय का बचाव होता है और कम समय में अधिक लोगों की जांच संभव होती है।

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