टमाटर हुआ लाल, प्याज निकालने लगा आंसू

राजधानी शिमला में आम जनता की थाली से हरी सब्जियां गायब होने लगी ह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 05:39 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 05:39 PM (IST)
टमाटर हुआ लाल, प्याज निकालने लगा आंसू
टमाटर हुआ लाल, प्याज निकालने लगा आंसू

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में आम जनता की थाली से हरी सब्जियां गायब होने लगी हैं। मौसम की मार के कारण लोअर बाजार सब्जी मंडी सहित उपनगरों में पिछले सप्ताह के मुकाबले सब्जियों के दाम में 20 से 30 फीसद का उछाल आया है। सब्जी मंडी में ब्रोकली सबसे महंगी हो गई है। इसके साथ ही तड़के में इस्तेमाल होने वाले टमाटर में प्याज के दाम भी आसमान छू रहे हैं। दोनों सब्जियों के दाम 60 रुपये प्रति किलो पहुंच गए हैं। लोअर बाजार की सब्जी मंडी में सब्जियों की आमद पहले की अपेक्षा कम हो गई है।

मैदानी इलाकों से केवल चार-पांच सब्जियां मिल रही हैं। वहीं, स्थानीय सब्जियों की मांग मैदानी इलाकों में अधिक है। इस कारण सब्जी मंडी में सब्जियां कम हैं और इस वजह से दाम बढ़ गए हैं। मैदानी इलाकों में बारिश से फसलें बर्बाद हो रही हैं। मंहगी सब्जियों की मार सबसे ज्यादा आम वर्ग पर पड़ रही है। सब्जी व्यापारियों का कहना है कि मंडी में बाकी दिनों के मुकाबले कम सब्जियां पहुंच रही हैं। इसके चलते दाम बढ़े हैं। आगामी दो माह तक स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।

उपनगरों में सब्जियों के भाव लोअर बाजार की सब्जी मंडी से 10 से 20 रुपये अधिक हैं। संजौली, लक्कड़बाजार, कसुम्पटी, विकासनगर सहित अन्य उपनगरों में लोगों को महंगी सब्जियां उपलब्ध हो रही हैं। 50 से 60 रुपये में केवल एक ही समय की सब्जी बन पाती है। ऐसे में महंगी सब्जियों ने गृहणियों की रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। लोग बाजार में अधिक सब्जी की जगह आधा-आधा किलो सब्जियां खरीद रहे हैं।

सब्जियों के भाव (प्रतिकिलो ) ब्रोकली,120

फूलगोभी,60-70

फ्रासबीन,60

टमाटर,60

प्याज,60

खीरा,50

घीया,50

करेला,40

कद्दू,40

शिमला मिर्च,40

दुकानों से रेट लिस्ट गायब

शिमला सब्जी मंडी में कई दुकानों से रेट लिस्ट गायब है। ऐसे में दुकानदार कई बार ग्राहकों से मनमर्जी के रेट वसूलते हैं। वहीं कई दुकानों पर रेट लिस्ट लगी हुई थी लेकिन इसमें लिखे छोटे-छोटे अक्षर ग्राहक पढ़ नहीं पा रहे थे। जिला प्रशासन ने सब्जी विक्रेताओं को रोजना नई रेट लिस्ट लगाने के निर्देश दिए हैं लेकिन दुकानदार प्रशासन के छापामारी के दौरान ही रेट लिस्ट लगाते दिखाई देते हैं।

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