अब नीली टोपी पहनेंगे पुलिस जवान

पुलिस की नीली टोपी का विवाद समाप्त होने वाला है। हिमाचल प्रदेश के पुलिस कर्मी अब नीली टोपी पहन सकेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 04:27 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 04:27 PM (IST)
अब नीली टोपी पहनेंगे पुलिस जवान
अब नीली टोपी पहनेंगे पुलिस जवान

रमेश सिंगटा, शिमला

पुलिस की नीली टोपी का विवाद समाप्त होने वाला है। हिमाचल प्रदेश के कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक सभी नीली टोपी पहन सकेंगे। हालांकि वर्दी खाकी ही रहेगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के दौरे से पहले राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से निर्देश जारी हुए हैं।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एपीटी की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार हाईकोर्ट का फैसला आने तक ग्रेड वन और ग्रेड टू पुलिस कर्मी नीली टोपी पहन सकेंगे। इसमें हाईकोर्ट के ही 2019 के स्टे आदेश का भी हवाला दिया गया है। निर्देशों की प्रतिलिपि पीटीसी डरोह व सभी बटालियनों के कमांडेंटों को भेजी गई है। जिलों और बटालियनों में एक समान व्यवस्था लागू होगी। अभी बटालियनों के जवान खाकी टोपी पहन रहे हैं। पहले जिलों में भी ऐसी ही स्थिति थी। कई जिलों ने कोर्ट के स्टे आदेश के बाद बदलाव किया। एक जिले में तो पुलिस कल्याण संघ ने कोर्ट के आदेश लागू न करने को लेकर एसपी को ही नोटिस थमा दिया था।

वर्ष 2010 में सरकार ने पुलिस कर्मियों की वर्दी बदल दी थी। अधिकारियों और कर्मचारियों दोनों के लिए नीली वर्दी की। उसी समय नीली टोपी भी हुई। नीली वर्दी के खिलाफ संघ कोर्ट चला गया। अभी कोर्ट से कोई फैसला नहीं आया था कि वर्ष 2011 में तत्कालीन धूमल सरकार ने नीली वर्दी का अपना फैसला बदल दिया। वर्दी फिर पहले की तरह खाकी कर दी गई लेकिन टोपी नीली ही रही। इसके बाद वर्ष 2016 में सरकार ने पुलिस कर्मियों के लिए खाकी टोपी पहनने के आदेश दिए थे। पुलिस के राजपत्रित अधिकारियों ने कर्मचारियों के लिए नीली टोपी की व्यवस्था का विरोध किया। उन्होंने इसे अधिकारियों के अहम से जोड़ा। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक जैसी टोपी पहनने की व्यवस्था पर सवाल उठाए। इसके बाद कहीं पर नीली तो कहीं खाकी वर्दी पहनी गई। वर्ष 2019 में फिर से खाकी वर्दी के आदेश हुए। इसके बाद पुलिस कल्याण संघ ने हाईकोर्ट पहुंच गया। उसी साल कोर्ट ने स्टे दे दिया। इसके बावजूद दो तरह की टोपी पहनी जा रही थी। जेब खर्च से नीली टोपी खरीद रहे पुलिस कर्मी

वर्ष 2016 के बाद पुलिस कर्मी सरकार के लाखों रुपये बचा रहे हैं। टोपी विवाद के कारण सरकार को लाभ हुआ है। पुलिस कर्मी अपने जेब खर्च से नीली टोपी खरीद रहे हैं। इससे एक साल में 34 लाख रुपये की बचत होती है। प्रदेश में 17 हजार से अधिक पुलिस कर्मी हैं। काफी पहले जारी हो जाने चाहिए थे निर्देश

पुलिस मुख्यालय ने जिस तरीके से ताजा निर्देश जारी किए हैं, वे काफी पहले हो जाने चाहिए थे। कोर्ट के स्टे आदेश के बाद खाकी से नीली वर्दी हुई है। हमें उम्मीद है कि कोर्ट से फैसला भी जल्द आ जाएगा।

रमेश चौहान, प्रदेशाध्यक्ष, पुलिस कल्याण संघ

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