पांच दिन बाद पुलिस जवान ने आइजीएमसी में तोड़ा दम
पुलिस कांस्टेबल वीरेंद्र ने पांचवें दिन इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज
जागरण संवाददाता, शिमला : पुलिस कांस्टेबल वीरेंद्र ने पांचवें दिन इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में दम तोड़ दिया। 27 वर्षीय वीरेंद्र ने सोमवार सुबह 9:10 बजे अंतिम सांस ली। जवान कांगड़ा जिला के कोठी कोहड़ का रहना वाला था। आइजीएमसी में वीरेंद्र के पार्थिव शरीर को तिरंगे से लपेटा गया और एसपी समेत अन्य अधिकारियों व पुलिस कर्मियों ने अपने साथी को अंतिम सलामी दी। पुलिस कर्मियों और स्वजनों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
छह जनवरी शाम को शिमला पुलिस का त्वरित प्रक्रिया दल बर्फ में फंसे पर्यटकों की मदद के लिए कुफरी और छराबड़ा क्षेत्र में गया था। सरकारी गाड़ी में छह जवानों का दल जैसे ही चीनी बंगला के पास पहुंचा तो गाड़ी बर्फ पर फिसलकर करीब 100 मीटर नीचे जा गिरी। हादसे में वीरेंद्र की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी, जबकि दो अन्य जवानों के हाथ और टांग में फ्रेक्चर हुआ था।
वीरेंद्र के परिवार की माली हालत भी ठीक नहीं है, इलाज के दौरान पुलिसकर्मियों ने आर्थिक मदद की और इंटरनेट मीडिया पर भी मदद के लिए कैंपन चलाया था। पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने कहा कि हमने अपना युवा, ऊर्जावान कमांडो खोया है। वीरेंद्र अपने अंतिम दिनों में भी जिंदगी के साथ संघर्ष करते रहे, उनका जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों की टीम ने वीरेंद्र को बचाने के लिए अथक प्रयास किया, लेकिन अंत में दुखद खबर आई। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और स्वजनों को दुख सहने की ताकत दे। शिमला पुलिस शोक संतप्त परिवार के साथ सदैव खड़ी है। उन्होंने कहा कि बहुत ही कठिन परिस्थितियों में हमारे जवान ड्यूटी करते हैं, हर वक्त जोखिम रहता है।
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पत्नी के नहीं रुके आंसू, चाचा बोले-गर्व है
शिमला में वीरेंद्र की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था। महिला पुलिसकर्मी और अन्य अधिकारी उनको ढांढस बंधाते रहे। वीरेंद्र के चाचा बस इतना बोल पाए कि भतीजे की मौत का दुख जरूर है पर गर्व है कि उसने ड्यूटी के दौरान शहादत दी और हिमाचल पुलिस का नाम ऊंचा किया। वीरेंद्र अपने पीछे डेढ़ साल का बेटा छोड़ गए हैं। घर पर मां है, पिता का देहांत हो चुका है। शादी किए हुए भी करीब ढाई साल का समय हुआ था।