देश की आंतरिक सुरक्षा पुलिस बल के मजबूत हाथ में

हमारा कर्तव्य बनता है कि देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले पुि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 07:50 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 07:50 PM (IST)
देश की आंतरिक सुरक्षा पुलिस बल के मजबूत हाथ में
देश की आंतरिक सुरक्षा पुलिस बल के मजबूत हाथ में

राज्य ब्यूरो, शिमला : हमारा कर्तव्य बनता है कि देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले पुलिसकर्मियों को हमेशा याद रखें। हमारी सेना देश की सीमाओं की रक्षा कर रही है और आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस बल के मजबूत हाथ में है। पुलिस कर्मी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं। यह बात राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने वीरवार को पुलिस स्मृति दिवस पर शिमला के मालरोड स्थित पुलिस सहायता कक्ष के सामने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब हम त्योहार और अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त होते हैं तो पुलिस बल हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता है। वह अपनी सुविधा की परवाह किए बिना हमें सेवाएं प्रदान करता है। गौरव गीत जारी किया

इस अवसर पर राज्यपाल ने पुलिस गौरव गीत जारी किया। उन्होंने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस न केवल इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखे शहीदों को याद करने का दिवस है, बल्कि यह सभी पुलिसकर्मियों को प्रेरणा और उदाहरण प्रस्तुत करने का भी दिन है। देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में राज्य और केंद्रीय पुलिस बल महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री के विशेष सचिव और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन ने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, पुलिस महानिरीक्षक आनंद प्रताप सिंह, हिमांशु मिश्रा, जेपी सिंह, दिलजीत कुमार ठाकुर, डा. अतुल कुमार फुलझले व रामेश्वर सिंह ठाकुर, उप महानिरीक्षक पुलिस सुनील कुमार भी मौजूद रहे। 21 अक्टूबर 1959 को चीनी सेना ने किया था पुलिस पार्टी पर हमला

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने देश के उन सभी 377 पुलिसकर्मियों को याद किया, जो एक वर्ष के दौरान ड्यूटी के दौरान शहीद हुए। उन्होंने कहा कि 1959 से आज तक विभिन्न पुलिस बलों के 35933 अधिकारियों व कर्मचारियों ने देश की सुरक्षा व समाज की सेवा में प्राणों की आहुति दी है। 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख सीमा पर हाट स्प्रिंग नामक स्थान पर चीन की सेना ने भारतीय पुलिस के 21 जवानों पर घात लगाकर हमला किया था। इसमें हमारे 10 जवान शहीद हो और बाकी को चीनी सेना ने बंदी बना लिया। वर्ष 1960 में इस दिन को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में आधिकारिक दर्जा दिया गया।

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