आइजीएमसी में टूट रहे शारीरिक दूरी के नियम
इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) के मेन गेट से कई लोग एक साथ अंदर आ रहे थे।
इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) के मेन गेट से कई लोग एक साथ अंदर आ रहे थे। लोगों की भीड़ लगातार यहां बढ़ती जा रही थी। पर्ची काउंटर पर कतार में खड़े लोग बेसब्री से अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। टेस्ट करवाने के लिए एसआरएल लैब के बाहर लोगों की आवाजाही बढ़ गई थी। वहीं कैश काउंटर और दवा की दुकानों पर मरीजों व तीमारदारों की भीड़ जुटी हुई थी। आर्थो, मेडिसिन, इमरजेंसी ओपीडी के बाहर लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। अस्पताल में इलाज करवाने पहुंच रहे मरीज व तीमारदार शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं कर रहे थे। यह लापरवाही कोरोना संकट में अन्य लोगों पर भारी पड़ सकती है।
शुक्रवार को अस्पताल में करीब 1600 लोग विभिन्न ओपीडी में इलाज करवाने पहुंचे। अस्पताल में ओपीडी, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य स्थानों पर भीड़ लगी रही। इन स्थानों पर शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन हुआ।
प्रस्तुति : जागरण संवाददाता, शिमला। संक्रमण की दर घटते लापरवाह हो रहे लोग
शिमला में दो महीने से कोरोना के मामलों में कमी आई है। संक्रमण की दर घटने के बाद लोग बेपरवाह होते जा रहे हैं। वहीं अस्पताल में ओपीडी दोगुनी हो गई है। ऐसे में दोबारा संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि संक्रमण में कमी आई है, लेकिन संक्रमण पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। आनलाइन ओपीडी का लें सहारा
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि डेढ़ साल से लगातार कोरोना के लक्षण और इससे बचने से उपाय के बारे में मरीजों व तीमारदारों को जागरूक किया जा रहा है। समाज को स्वस्थ बनाने के लिए लोगों को जिम्मेदारी समझनी होगी। प्रशासन का कहना है कि सामान्य बीमारी के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों का सहारा लें, ताकि आइजीएमसी में भीड़ न बढ़े और शारीरिक दूरी के नियम का पालन किया जा सके। सामान्य बीमारी के लिए लोग ई-संजीवनी और आनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।