आइजीएमसी में खाना न मिलने पर तीमारदारों का हंगामा
राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में खाना न मिलने पर मरीजों ने खूब हंगामा किया।
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में खाना न मिलने पर मरीजों और तीमारदारों ने वीरवार देर रात खूब हंगामा किया। बात इतनी बढ़ गई कि भूख से परेशान मरीजों व तीमारदारों ने खाली थालियां बजाकर अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली का विरोध किया। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल किया गया है।
वीडियो के अनुसार तीमारदारों का कहना है कि पुरुष मेडिसिन वार्ड में कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद वार्ड को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। वीरवार सुबह के समय भोजन की व्यवस्था थी, लेकिन इसके बाद रात 10 बजे तक मरीजों और तीमारदारों को खाना नहीं दिया गया। वहीं, जब तीमारदार इस अव्यवस्था का विरोध करने लगे तो अस्पताल स्टाफ ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ दिया कि उनके पास कम लोगों की सूची है, इसलिए खाने के लिए कम व्यवस्था की गई। सूची अपडेट करने के बाद सभी को भोजन देने की व्यवस्था की जा रही है। तीमारदारों का कहना है कि वार्ड में मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। पूरा दिन न कोई डॉक्टर राउंड पर आया, न ही मरीजों को दवाएं दी गई। इसके अलावा तीमारदारों को बाहर जाने नहीं दिया जा रहा है। खाने की गुणवत्ता सही न होने का लगाया आरोप
तीमारदारों ने आरोप लगाया कि वीरवार रात को वार्ड में भर्ती एक मरीज के लिए खाना आया तो उसमें चावल और चने की दाल आई। दाल में पानी की मात्रा ज्यादा थी। उनका कहना है कि परोसे गए भोजन की गुणवत्ता सही नहीं थी। उन्होंने बताया कि जिस मरीज के लिए अस्पताल की ओर से खाना आया उसे चावल खाने से मना किया गया। मरीज को चपाती की व्यवस्था नहीं की गई। वहीं वार्ड में मौजूद अन्य मरीजों और तीमारदारों को भूखे रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। मरीजों के लिए की जा रही भोजन की व्यवस्था
आइजीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि मामला ध्यान में है। मरीजों के भोजन की व्यवस्था की जा रही है। कोरोना पॉजिटिव मामला आने के बाद अस्पताल का पुरुष मेडिसिन वार्ड एहतियात के तौर पर बंद किया गया है। मरीजों व तीमारदारों के टेस्ट लिए जा रहे हैं, ताकि उनमें कोरोना संक्रमण की जांच हो सके। इसलिए वार्ड के भीतर मौजूद तीमारदारों को बाहर जाने नहीं दिया जा रहा है।