कोरोना कर्फ्यू से पहले सामान जुटाने निकले लोग
जागरण संवाददाता शिमला प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी तेजी से बढ़ रही ह
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए सरकार ने सात मई से कोरोना कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है। कोरोना कर्फ्यू के एक दिन पहले वीरवार को काफी संख्या में लोग सामान जुटाने घर से निकले। इससे लोगों की काफी भीड़ रही, वहीं कई स्थानों पर लोगों को बसें न मिलने से परेशान होना पड़ा। निजी बस ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने शिमला के लोकल रूटों पर अतिरिक्त बसें चलाई हैं, लेकिन लोगों की आवाजाही के सामने नाकाफी साबित हुई।
ऐसा ही कुछ मैहली-पंथाघाटी व विकासनगर क्षेत्र में देखने को मिला। सुबह साढ़े दस बजे विकासनगर वर्षाशालिका में लोग बस का इंतजार कर रहे थे। परिवहन निगम की बसें 10 से 15 मिनट के अंतराल में आ रही थीं। लोग बस रोकने का आग्रह कर रहे थे लेकिन बसें 50 फीसद क्षमता की दर से भरकर आ रही थीं और कोई भी बस चौक पर नहीं रुकी। लोग परेशान होकर विकासनगर एसडीए चौक पर गए वहां पर भी निगम की बसें नहीं रुकीं। फिर कुछ लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर निकल गए और कुछ लोग तो चलने में असमर्थ थे वे वहीं बस के इंतजार में खड़े रहे। थोड़ी देर में एक बस आई उसमें केवल तीन सीटें थीं, चालक ने आवाज लगाई ऐसे में केवल तीन ही लोग बस में चढ़ पाए।
कोरोना कर्फ्यू के लगने पर लोग बाजार से सामान लेने के लिए निकले हैं और हर बस ठहराव के पास लोगों की भीड़ दिखाई दी। बस परिचालक जितनी बस से सवारियां उतर रही थीं उतनी ही सवारियों को बैठा रहा था। लोग जगह-जगह बस को हाथ दे रहे थे लेकिन बसों में सीटें पूरी भरी होने के कारण नहीं रुक रही थीं। ऐसे में लोग बहुत परेशान दिखाई दे रहे थे। लोगों को होना पड़ा परेशान
बसों के लिए आम दिनों में इतनी भीड़ नहीं रहती थी लेकिन जैसे ही प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू के आदेश जारी किए लोग घर में जरूरत का सामान एकत्र करने के लिए बाजार की ओर निकले हैं। निजी बसों के न होने से लोगों को दिक्कत पेश आ रही है।