जीवन प्रमाणपत्र जमा न करवाने पर पेंशन रोकी

जीवन प्रमाणपत्र जमा न करवाने पर प्रदेश के करीब छह हजार पूर्व कर्मिय

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 07:57 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 07:57 PM (IST)
जीवन प्रमाणपत्र जमा न करवाने पर पेंशन रोकी
जीवन प्रमाणपत्र जमा न करवाने पर पेंशन रोकी

राज्य ब्यूरो, शिमला : जीवन प्रमाणपत्र जमा न करवाने पर प्रदेश के करीब छह हजार पूर्व कर्मियों की पेंशन रोक दी गई है। उन्हें जून की पेंशन नहीं मिल पाई है। प्रदेश में 1.51 लाख पेंशनधारक हैं और उन्हें हर वर्ष जीवन प्रमाणपत्र जमा करवाना जरूरी है। जिन लोगों ने जून अंत तक जीवन प्रमाणपत्र जमा नहीं करवाया है, उन्हें पेंशन नहीं मिली है। सेवानिवृत्त कर्मियों को हर माह की पहली तारीख को पेंशन मिलती है। ऐसे में पेंशन पर ही निर्भर ऐसे रिटायर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं दो जुलाई के बाद जीवन होने का प्रमाणपत्र देने वाले पेंशनधारकों को जिला कोषागार कार्यालयों से जवाब दिया जा रहा है कि अब उन्हें पहली अगस्त का इंतजार करना पड़ेगा। यानी जून व जुलाई की पेंशन एक साथ उनके बैंक खाते में डलेगी।

तीन जिलों में सबसे अधिक पेंशनधारक

प्रदेश में 1.51 लाख सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। इनमें से शिमला, कांगड़ा और मंडी में सबसे अधिक 50 फीसद पेंशनधारक कर्मचारी हैं। इन तीन जिलों में करीब 25-25 हजार सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं।

सेवानिवृत्त कर्मी सुरेश चंद ने बताया कि उनकी जून की पेंशन नहीं आई है। जब दो जुलाई को भी उनके खाते में पेंशन नहीं आई तो जिला कोषागार कार्यालय गए। वहां बताया गया कि जीवन प्रमाणपत्र जमा न होने से पेंशन जारी नहीं हो पाई है। उन्होंने उसी दिन जीवन प्रमाणपत्र जमा करवा दिया। सात जुलाई को फिर कार्यालय पहुंचे तो जवाब मिला कि अब जून और जुलाई की पेंशन एक साथ ही मिलेगी। -----------------

प्रदेश के जिन सेवानिवृत्त कर्मियों ने जीवन प्रमाणपत्र जमा नहीं करवाए हैं उनकी पेंशन जून से रोकी गई है। वैसे हर साल 22 नवंबर तक जीवन प्रमाणपत्र जमा करवाना होता है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से किसी कर्मी की पेंशन नहीं रोकी गई। अब जून की पेंशन रोकी है। साफ्टवेयर में ऐसी व्यवस्था नहीं है कि जिन्होंने प्रमाणपत्र जमा करवा दिया है तो उसके बाद पेंशन जारी हो जाए। अब जून और जुलाई की पेंशन पहली अगस्त को जारी होगी।

दीपक भारद्वाज, अतिरिक्त निदेशक कोषागार एवं लेखा।

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