रिपन में 27 तक स्थापित होगा ऑक्सीजन प्लांट

रामेश्वरी ठाकुर शिमला राजधानी शिमला के कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन में अब कोरोना से पीड़ि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Dec 2020 04:30 AM (IST) Updated:Mon, 14 Dec 2020 04:30 AM (IST)
रिपन में 27 तक स्थापित होगा ऑक्सीजन प्लांट
रिपन में 27 तक स्थापित होगा ऑक्सीजन प्लांट

रामेश्वरी ठाकुर, शिमला

राजधानी शिमला के कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन में अब कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन की कमी नहीं सताएगी। 31 दिसंबर तक यहां ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने जगह का चयन कर लिया है। रिपन परिसर में ही जल्द यह प्लांट स्थापित किया जाएगा। परिसर में पार्किग की जगह खाली करने के बाद जगह उपलब्ध करवाई गई है।

मौजूदा समय तक रिपन अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई इंदिरा गाधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) या नेरचौक मेडिकल कॉलेज से मंगवानी होती है। ऑक्सीजन की उपलब्धता कम होने के कारण सिलिडरों के ऑर्डर देरी से पहुंचते हैं। ऐसे में मरीजों को आइजीएमसी रेफर करने की नौबत पड़ जाती है।

रिपन के एमएस डा. रमेश चौहान का कहना है कि अस्पताल परिसर में 27 दिसंबर तक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर दिया जाएगा। इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। जगह का चयन हो चुका है। प्लांट स्थापित करने के लिए कंपनी से बात की जा रही है। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जल्द काम शुरू होगा। 27 दिसंबर तक इसका काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद सरकार स्थापित किए गए प्लांट का निरीक्षण करेगी। 80 फीसद मरीजों को रहती है ऑक्सीजन की जरूरत

रिपन अस्पताल में आमतौर पर 100 से 120 कोरोना पॉजिटिव मरीज इलाज करने के लिए दाखिल रहते हैं। इनमें से 80 फीसद मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत रहती है। कई बार ऑक्सीजन की कमी पूरी करना मुश्किल हो जाता है। अपना प्लांट स्थापित होने से यह समस्या दूर हो जाएगी। शहरी विकास मंत्री ने दिए थे प्लांट स्थापित करने के निर्देश

शिमला में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी बीच जब रिपन में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही थी और उन्हें ऑक्सीजन की अधिक जरूरत पड़ रही थी तो शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने अस्पताल प्रबंधन व स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक की थी। बैठक में आइजीएमसी से ऑक्सीजन की कमी पूरा करने को कहा गया था। मंत्री ने रिपन अस्पताल प्रशासन को अपना प्लांट स्थापित करने के निर्देश दिए थे। मरीज को इसलिए पड़ती है ऑक्सीजन की जरूरत

कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की अधिक जरूरत तभी पड़ती है जब वह कोरोना के गंभीर संक्रमण से पीड़ित हो या उसे अन्य गंभीर बीमारी हो। ऐसे में संक्रमण फेफड़े में कम समय में कई गुणा फैल जाता है। इससे मरीज को सांस की दिक्कत पेश आती है। मौजूदा समय में जिन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल 90 या 95 से अधिक होता है ऐसे मरीजों को घर पर रहकर आइसोलेट करने की सलाह दी जाती है लेकिन ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण उन्हें तुरंत अस्पताल में दाखिल करवाया जाता है।

chat bot
आपका साथी