प्रदेश के सरकारी व निजी आइटीआइ की होगी जांच
प्रदेश में चल रहे सरकारी और निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश में चल रहे सरकारी और निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) की जांच होगी। तकनीकी शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। इसको लेकर 30 अलग-अलग कमेटियां गठित की गई हैं। तीन सदस्यीय कमेटी में आइटीआइ के दो प्रधानाचार्य और एक विषय विशेषज्ञ शामिल है। हर कमेटी को पांच से 10 आइटीआइ की जांच का जिम्मा सौंपा है।
इस दौरान संस्थानों के आधारभूत ढांचे, उपकरण, स्टाफ, भवन की स्थिति, प्रशिक्षुओं के लिए बैठने की व्यवस्था, बिजली, प्रेक्टिकल के लिए कच्चा माल, पानी, सफाई व्यवस्था की जांच होगी। निदेशक तकनीकी शिक्षा विभाग विवेक चंदेल ने कमेटियों को दो माह के भीतर जांच प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। इस रिपोर्ट को निदेशक तकनीकी शिक्षा विभाग के अलावा सचिव शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री को भेजा जाएगा। यदि किसी आइटीआइ में खामियां पाई जाती हैं तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। आइटीआइ को सही तरह से संचालित करने के लिए विभाग ने यह फैसला लिया है। प्रदेश में 136 सरकारी और 159 के करीब निजी क्षेत्र में आइटीआइ चल रहे हैं।
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सुंदरनगर हादसे के बाद लिया संज्ञान
मंडी जिला के सुंदरनगर के आइटीआइ में करंट लगने से प्रशिक्षु की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद विभाग ने संज्ञान लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। प्रदेश सरकार का मानना है कि निजी क्षेत्र में चल रहे इस तरह के संस्थान नियमों को पूरा नहीं कर रहे हैं। नियमों के तहत आइटीआइ चलाने के लिए जो मूलभूत आधारभूत ढांचा चाहिए वह नहीं है। निजी आइटीआइ में तो खामियां हैं ही, लेकिन सरकारी संस्थानों में भी कई तरह की खामियां हैं। सरकार ने केंद्र के समक्ष भी यह मामला उठाया था।
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दो कमरों में चल रहे कई संस्थान
सरकार के ध्यान में कई मामले ऐसे भी आए हैं, जिनमें कई जगहों पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान दो कमरों में चलाए जा रहे हैं। कई स्थानों पर तो प्रशिक्षुओं के लिए बेहतर प्रशिक्षण की सुविधा भी नहीं है। कई आइटीआइ में स्टाफ की कमी है।