नेता प्रतिपक्ष बोले, हिमाचल में जयराम सरकार की गुंडागर्दी चल रही, धक्‍के मारने वाले मंत्रियों पर हो कार्रवाई

Hiamchal Vidhan Sabha Dispute नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा हिमाचल में जयराम सरकार की गुंडागर्दी चल रही है उसके खिलाफ प्रर्दशन हो रहा है। सरकार दमन चक्र चलाए हुए है। यह सरकार विधानसभा को फेस नहीं कर सकती है इसलिए विपक्ष के विधायकों को बाहर किया जा रहा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 03:22 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 03:22 PM (IST)
नेता प्रतिपक्ष बोले, हिमाचल में जयराम सरकार की गुंडागर्दी चल रही, धक्‍के मारने वाले मंत्रियों पर हो कार्रवाई
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री व अन्‍य कांग्रेस विधायक।

शिमला, जेएनएन। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार की गुंडागर्दी चल रही है, उसके खिलाफ प्रर्दशन हो रहा है। सरकार दमन चक्र चलाए हुए है। यह सरकार विधानसभा को फेस नहीं कर सकती है, इसलिए विपक्ष के विधायकों को बाहर किया जा रहा है। असल में होना तो यह चाहिए था कि जिन भाजपा मंत्रियों और डिप्टी स्पीकर ने कांग्रेस विधायको को धक्के दिए, उन्हें बाहर किया जाना चाहिए। लेकिन कांग्रेस के पांच सदस्यों को निलंबित किया। एफआइआर भाजपा के मंत्रियों और डिप्टी स्पीकर के खिलाफ दर्ज होेनी चाहिए थी। लेकिन विपक्ष की आवाज दबाने के लिए कांग्रेस विधायकों पर केस दर्ज करवाए।

जयराम पहले मुख्यमंत्री है प्रदेश के जो न तो सत्र को फेस कर सकते हैं और न ही विपक्ष को। किसी भी ढंग से विपक्ष की आवाज दबा कर समय निकालना चाहते हैं। पूरे घटनाक्रम को देखे जो विधानसभा में हुआ वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के इशारे पर हुआ। मंत्रियों को धक्के लगाने पर लगाया। गुंडागर्दी को संरक्षण मुख्यमंत्री के इशारे पर हुआ।

जब विधानसभा शुरू होने थी तो आल पार्टी मीटिंग हुई, जिसमें एजेंडा रखना चाहिए था और उसके बाद जब वहां पर ससंदीय कार्य मंत्री शिष्टाचार भेंट के लिए आए तो उनको उस समय एजेंडा रखना चाहिए। लेकिन गुपचुप तरीके से काम हुआ। आखिर बताए कि जो 65पन्ने लिखे गए हैं उन्हें पढ़ा क्यों नहीं जाए। यह कहते है कि पहले भी ऐसी रिवायत थी, यदि उसका पालन करना था तो आल पार्टी मीटिंग में यह बताना चाहिए था कि राज्यपाल अभिभाषण नहीं पढ़ेंगे और सहयोग किया जाए।

ससंदीय कार्य मंत्री ने भी नहीं बताया। जब राज्यपाल आए तो सभी विपक्ष के सदस्यों सम्मान में खड़े हुए। जब स्वर्णिम हिमाचल की बात की तो सभी ने मेज थपथापाई। पूरे शिष्टाचार से पेश आए। वह अपनी स्पीच खत्म कर रहे थे तो हमनें कहा कि 65 पेज का दस्तावेज तो गुमनामी की भेंट चढ़ गया। परंपराओं का निर्वहन नहीं किया।

विपक्ष ने गेट के बाहर प्रर्दशन किया। चाहते तो बुला सकते थे और संवाद कर सकते थे। लेकिन कुछ भाजपा नेता आए और धक्‍का मुक्की करने लगे। राज्यपाल को गमलों के ऊपर से ले जाया जा रहा था। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ले जाने से पहले वार्ता कर रास्ते खुलवाते।

मुख्यमंत्री का गेट भी खाली था। वार्ता करते तो हल निकल जाता। जब धक्का मुक्की हुई तो भगदड़ मची और वर्दी वाले लोग बीच में कूद गए। मुख्यमंत्री को बताया कि धक्के मार रहे। राज्यपाल ही जब अभिभाषण नहीं पढ रहे तो जनता क्यों पढ़ेगी। पूरी तरह से नीरस है। मंहगाई, किसान, कोरोनाकाल में भ्रष्टाचार, पैट्रोल, डीजल रसाई गैस की कीमतें पर बात होनी चहिए थी। एक दो विस क्षेत्र के हजारों लोग नौकरियों में भर दिए। राज्यपाल के समक्ष ये मुददे रखने थे लेेकिन अवगत करवाने नहीं दिया गया।

 उन्होंने कहा कि डिपटी स्पकीर ने सदन को सोमवार सुबह 2 बजे तक स्थगति कर कर दिया गया था। ऐसे में बताए कि स्थगति हाउस में कैसे विधायकों को बाहर कर सकते है। ये इतिहास हो गया कि बंद हाउस में विधायकों को निलंबित कर दिया गया। उन्हाेंने कहा सदन स्थगन होने के बाद प्रर्दशन कर रहे विधायको को धक्के मारे गए।

मुख्यमंत्री कह रहे है कि हमला हो गया जबकि किसी ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और स्पीकर को छूआ तक नहीं। उन्होंने कहा राज्यपाल, मुख्यमंत्री और स्पीकर की सुरक्षा जरूरी है तो क्या विपक्ष के विधायकों की सुरक्षा आवश्यक नहीं है। क्या उनकों ऐसे डील किया जाएगा। उन्होंने कहा विपक्ष के विधायक भी चुन कर आए हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफा कार्रवाई की गई, भाजपा के जो मंत्री धक्के लगा रहे थे उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अग्निहोत्री ने कहा कि उन्हे सुबह के समय आर्डर मिले कि वे अंदर प्रवेश नहीं कर सकते हैं। ऐसे में अब गेट के बाहर प्रर्दशन किया जा रहा ह। पूरे सेशन तक धरना प्रर्दशन जारी रहेगा। उन्हाेंने कहा विपक्ष ने कुछ गलत नहीं किया, ऐसे में मुख्यमंत्री माफी मांगे।

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