रिपन में कल से शुरू हो सकती है ओपीडी सेवाएं

जागरण संवाददाता शिमला राजधानी शिमला में शहर के बीच स्थित क्षेत्रीय अस्पताल रिपन में 22 जनवर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 08:22 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 08:22 PM (IST)
रिपन में कल से शुरू हो सकती है ओपीडी सेवाएं
रिपन में कल से शुरू हो सकती है ओपीडी सेवाएं

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में शहर के बीच स्थित क्षेत्रीय अस्पताल रिपन में 22 जनवरी से रूटीन ओपीडी शुरू होने वाली है। इसके लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। विभिन्न ओपीडी ओर वार्डो को सैनिटाइज करके संक्रमण रहित किया जा रहा है। बुधवार तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद अस्पताल की सरफेस टेस्टिंग के लिए सैंपलिग की जाएगी। सैंपलों की टेस्टिंग से पता चलेगा कि कोरोना संक्रमण अभी तक मौजूद है या नहीं। टेस्ट की रिपोर्ट ठीक आने के बाद शुक्रवार से ओपीडी सुविधा शुरू की जाएगी।

पहले चरण में अस्पताल में सर्जरी, ऑर्थो, आई, शिशु रोग विभाग सहित सभी प्रकार की ओपीडी शुरू होंगी। कोरोना के खतरे के बीच पिछले साल अप्रैल से सभी रूटीन ओपीडी व स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर दी थीं। अस्पताल में केवल कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। रिपन अस्पताल में ओपीडी बंद होने के कारण लोगों को काफी परेशान होना पड़ रहा है।

रिपन में जहां रोजाना 1500 से 2000 लोगों की ओपीडी रहती थी और 150 से 200 मरीज दाखिल रहते थे, वहीं अब केवल कोरोना मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। रिपन में इलाज करवाने के लिए जिलेभर के दुर्गम क्षेत्रों के अलावा किन्नौर और सोलन जिले से भी लोग पहुंचते हैं। अब मरीजों को मजबूरन आइजीएमसी का रुख करना पड़ रहा है। आइजीएमसी में भीड़ रहने की वजह से कई मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज करवाने पर मजबूर होना पड़ता है। इससे मरीजों पर अधिक आर्थिक बोझ पड़ता है। मरीजों को मिलेगी राहत

अस्पताल के एमएस डा. रमेश चौहान का कहना है कि पहले फेज में अस्पताल में सभी ओपीडी खोलने के लिए सरकार ने मंजूरी दी है। अस्पताल में आउटडोर स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू होने से हजारों मरीजों को राहत मिलेगी। इसके लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। 27 जनवरी से मरीजों के लिए विभिन्न वार्ड खोले जा सकते हैं। फ्लू ओपीडी की भी रहेगी सुविधा

रिपन में करीब 13 ओपीडी चलती हैं। इसमें फ्लू ओपीडी भी शामिल है। कोरोना प्रकरण के चलते अस्पताल में पिछले साल फ्लू ओपीडी शुरू की थी। इसके बाद अस्पताल को कोरोना समर्पित अस्पताल बना दिया गया था। 15 जनवरी को मंत्रिमंडल की बैठक में इस अस्पताल को कोरोना समर्पित अस्पताल रहने से डीनोटिफाई किया गया था। इसके बाद प्रशासन ने फैसला लिया है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए फ्लू ओपीडी चलती रहेगी।

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