अब अधिकारियों की निगरानी में होगी ऑनलाइन पढ़ाई
जागरण संवाददाता शिमला प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई पर अब अधिक
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई पर अब अधिकारियों की नजर रहेगी। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए तैयार किए गए पोर्टल हर घर पाठशाला के माध्यम से बच्चों को क्या पढ़ाया जा रहा है, कितने बच्चे किस दिन पढ़ाई से जुड़े, कितनों के पास मोबाइल फोन नहीं है और वह पढ़ाई से वंचित है इसकी रोजाना मॉनिटरिग होगी। शिक्षा विभाग ने इसके लिए समन्वयक नियुक्त किए हैं।
राज्य समन्वयक के अलावा जिला स्तर पर भी मॉनिटरिग के लिए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। नौवीं से जमा दो कक्षा तक की ऑनलाइन पढ़ाई की मॉनिटरिग के लिए अतिरिक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग डा. प्रमोद चौहान को समन्वयक बनाया गया है। संयुक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग हितेश आजाद छठी से आठवीं कक्षा तक के समन्वयक होंगे। जिला स्तर पर भी पढ़ाई की मॉनिटरिग करने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके तहत संयुक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग डा. अशीथ कुमार मिश्रा को हमीरपुर, कांगड़ा, बिलासपुर और चंबा जिलों का जिम्मा सौंपा है। संयुक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा डा. हरीश कुमार सिरमौर, सोलन ऊना और कुल्लू जिलों की मॉनिटरिग का कार्यभार सौंपा।
ओएसडी (कॉलेज) डा. अंजू शर्मा को शिमला, किन्नौर, मंडी और लाहुल स्पीति की ऑनलाइन पढ़ाई की मॉनिटरिग का कार्य सौंपा है। इसके अलावा वह रोजाना ऑनलाइन पढ़ाई की गुणवत्ता को लेकर भी सुझाव देंगी और ई-कंटेंट में आवश्यक बदलाव के लिए कार्य करेंगी।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में क्वालिटी को-ऑर्डिनेटर अणिमा शर्मा ई-कांटेट को लेकर सभी जिलों के साथ समन्वय स्थापित करेंगी। वह रोजाना शिक्षकों को ई-कंटेट शेयर करेंगी, शिक्षा विभाग के स्वयं सिद्धम प्रोजेक्ट पर रोजाना ई-कंटेंट अपलोड करेंगी। बच्चों को वाट्सएप के अलावा स्वयं सिद्धम पोर्टल पर भी ई-कंटेंट मौजूद रहेगा, वह कभी भी पोर्टल पर लॉगइन कर पढ़ाई कर सकेंगे। संयुक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा हितेश आजाद को निर्देश दिए हैं वह जिला स्तर पर पढ़ाई की मॉनिटरिग के लिए अधिकारियों की नियुक्ति करें।
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आईसीटी लैब से करवाई जाएगी पढ़ाई
ऑनलाइन पढ़ाई को और ज्यादा व्यवहारिक बनाया जाएगा। शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि पढ़ाई में टू वे कम्युनिकेशन हो। बच्चों को भी सवाल पूछने का मौका मिलना चाहिए। इसके लिए वह गुगल मीट और अन्य माध्यमों से भी पढ़ाई करवा सकते हैं। स्थिति सामान्य होने के बाद आईसीटी लैब का प्रयोग भी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए करवाया जाएगा। इसके अलावा यूट्यूब और अन्य माध्यमों से बच्चों को पढ़ाई करवाई जाए।